भारत और वेस्टइंडीज के बीच सिंगापुर में 1999 की त्रिकोणीय सीरीज में दनादन छक्के जड़कर लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींचने वाले रिकार्डो पावेल का मानना है कि वर्तमान समय में छक्का लगाना कोई बड़ी बात नहीं रह गई है।
पावेल को भारत के खिलाफ 93 गेंदों पर 124 रन की मैच विजेता पारी के लिए याद किया जाता है जिसमें उन्होंने आठ छक्के लगाए थे। यह वह दौर था जबकि 50 ओवरों के मैच में छक्के जड़ना आम नहीं था। पावेल अब 39 साल के हैं और अमेरिका की राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के मुख्य चयनकर्ता हैं। उनका मानना है कि छक्के जड़ना अब आम बात हो गई है।
वेस्टइंडीज की तरफ से 1999 से 2005 के बीच दो टेस्ट और 109 वनडे खेलने वाले पावेल ने पहले टेस्ट मैच से इतर कहा, ‘जब मैं खेला करता था तब बहुत कम बल्लेबाज इस तरह से बल्लेबाजी करते थे। केवल लांस क्लूसनर, एंड्रयू फ्लिंटॉफ, वीरेंद्र सहवाग आदि ही ऐसी बल्लेबाजी करते थे।
अगर आप आज विशेषकर छोटे प्रारूप पर गौर करोगे तो कई बल्लेबाज ऐसा कर रहे हैं। अब लंबे शॉट खेलना कोई बड़ी बात नहीं रह गई है। उनका मानना है कि बल्ले के आकार के कारण अब छक्के जड़ना अधिक आसान हो गया है।
पावेल को भारत के खिलाफ 93 गेंदों पर 124 रन की मैच विजेता पारी के लिए याद किया जाता है जिसमें उन्होंने आठ छक्के लगाए थे। यह वह दौर था जबकि 50 ओवरों के मैच में छक्के जड़ना आम नहीं था। पावेल अब 39 साल के हैं और अमेरिका की राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के मुख्य चयनकर्ता हैं। उनका मानना है कि छक्के जड़ना अब आम बात हो गई है।
वेस्टइंडीज की तरफ से 1999 से 2005 के बीच दो टेस्ट और 109 वनडे खेलने वाले पावेल ने पहले टेस्ट मैच से इतर कहा, ‘जब मैं खेला करता था तब बहुत कम बल्लेबाज इस तरह से बल्लेबाजी करते थे। केवल लांस क्लूसनर, एंड्रयू फ्लिंटॉफ, वीरेंद्र सहवाग आदि ही ऐसी बल्लेबाजी करते थे।
अगर आप आज विशेषकर छोटे प्रारूप पर गौर करोगे तो कई बल्लेबाज ऐसा कर रहे हैं। अब लंबे शॉट खेलना कोई बड़ी बात नहीं रह गई है। उनका मानना है कि बल्ले के आकार के कारण अब छक्के जड़ना अधिक आसान हो गया है।
Shaurya Times | शौर्य टाइम्स Latest Hindi News Portal