फतेहपुर। प्रख्यात भारतीय लेखक और पत्रकार अमित राजपूत को एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने ग्रैंड मास्टर के खिताब से नवाजा है। उनको ये उपाधि न्यूनतम आयु में उनके प्रतिमानित स्तम्भ आलेख के लिए प्रदान की गई है। दिलचस्प है कि इससे पूर्व अमित का नाम विश्व के सबसे युवा स्तम्भकार के रूप में हार्वर्ड वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज है। इसके अलावा भारत में सबसे कम आयु में प्रमुख स्तम्भ आलेख लिखने वाले स्तम्भकार के रूप में उनका नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी दर्ज है। मालूम हो कि अमित नई दिल्ली स्थित भारतीय जनसंचार संस्थान से प्रशिक्षित पेशेवर पत्रकार और ब्रॉडकास्टर हैं। उन्होंने अपने करिअर की शुरुआत आकाशवाणी महानिदेशालय में प्रधानमंत्री के विशेष कार्यक्रम ‘मन की बात’ से की थी। इसके बाद से वह लगातार मुख्यधारा की पत्रकारिता में सक्रिय हैं और इन दिनों आकाशवाणी के केन्द्रीय समाचार सेवा प्रभाग में संपादक के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

मूल रूप से उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के रहने वाले अमित राजपूत ने कई पुस्तकों का लेखन और संपादन भी किया है। अंतर्वेद प्रवर, आरोपित एकांत, कोरोनानामा और समोसा उनकी प्रमुख रचनाएं हैं। उनके कई रेडियो-रूपकों का अखिल भारतीय प्रसारण हो चुका है। अमित की रंगकर्म में भी गहरी दिलचस्पी है और उन्होंने कई नाटक भी लिखे हैं। ‘अनिरुद्ध’ उनका सबसे चर्चित नाटक है। अमित के लिखे गीतों को कई शास्त्रीय व उपशास्त्रीय गायक-गायिकाओं ने राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर गाया है।
अपनी शोधपरक रचनाधर्मिता के लिए पहचाने जाने वाले अमित राजपूत इन दिनों एक-साथ दो पुस्तकों पर काम कर रहे हैं। ग्रैंड मास्टर का खिताब मिलने पर देशभर के तमाम लेखकों, रंगकर्मियों, इतिहासकारों और पत्रकारों सहित अनेक बुद्धिजीवियों ने उन्हें बधाई दी है।
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