बेहद चुनौतीपूर्ण था ऑपरेशन
डॉक्टर्स का कहना है कि यह ऑपरेशन बेहद चुनौतीपूर्ण था क्योंकि ट्यूमर न केवल अत्यधिक बड़ा था बल्कि यह शरीर के तीन महत्वपूर्ण अंगों- इन्फीरियर वेना कावा, लीवर और दाएं गुर्दे से चिपका हुआ था. इन महत्वपूर्ण अंगों को बिना नुकसान पहुंचाए पूरे ट्यूमर को निकालना अनिवार्य था.
डॉ. वासुदेवा ने कहा कि, “इस तरह की जटिल सर्जरी में सटीकता अत्यंत आवश्यक होती है. डा विंची रोबोट की 3D विज़न और उसकी सूक्ष्म व कुशल बांहें हमें पारंपरिक लेप्रोस्कोपिक सर्जरी की तुलना में कहीं अधिक सटीकता से काम करने की अनुमति देती हैं.” उन्होंने बताया कि ये सर्जरी लगभग तीन घंटे चली और बिना किसी जटिलता के पूरी तरह सफल रही. वहीं मरीज को भी सर्जरी के तीन दिन बाद ही अस्पताल से छुट्टी दे दी गई.
क्या हैं रोबोटिक सर्जरी के फायदे?
रोबोटिक सर्जरी के कई फायदे हैं. इनमें छोटे चीरे, कम दर्द, जल्दी रिकवरी और रोगी का शीघ्र सामान्य जीवन में लौट आना शामिल है. यदि यही सर्जरी खुले ऑपरेशन के माध्यम से की जाती, तो 20 सेमी से अधिक का चीरा लगाना पड़ता. जिसके पूरी तरह से ठीक होने में हफ्तों का समय लग सकता था.
डॉ. बंसल ने बताया कि, “यह उपलब्धि सफदरजंग अस्पताल की रोबोटिक सर्जरी में विशेषज्ञता और निःशुल्क अत्याधुनिक स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है. इस प्रकार की जटिल सर्जरी निजी अस्पताल में कराई जाती, तो इसकी लागत कई लाख रुपये होती.”
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