मालदीव में नई सरकार बनते ही भारत के लिए संभावनाओं के द्वार खुल गए हैं. पहले मालदीव के राष्ट्रपति ने अपने शपथ ग्रहण समारोह में सिर्फ भारत का जिक्र किया. उसके बाद अब मालदीव के रक्षामंत्री ने साफ कर दिया है कि वह भारत द्वारा गिफ्ट किए गए हेलीकॉप्टर को वापस नहीं भेजेंगे. इससे पहले चीन परस्त पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यमीन ने भारत के हैलिकॉप्टर को वापस भेजने का निर्णय कर लिया था. माना जा रहा है कि ये निर्णय उन्होंने चीन के प्रभाव में लिया था. भारत ने अपने दो हेलिकॉप्टर मालदीव को गिफ्ट किए थे. लेकिन अब नई सरकार के अस्तित्व में आते ही भारत के रिश्ते पहले की ही तरह पटरी पर आ गए हैं. 
मालदीव के रक्षामंत्री मारिया डिडी ने कहा, हम भारत के उन दो हैलिकॉप्टर को वापस नहीं भेज रहे हैं, जो हमें गिफ्ट में दिए गए हैं. उन्होंने कहा, ये हमारा कल्चर नहीं है कि हम प्रेम से दिए गए उपहार को वापस दे दें.
भारत के द्वारा दिए गए ये चॉपर मालदीव में दो अहम जगहों पर तैनात हैं. इनमें एक दक्षिणी हिस्से में अड्डू द्वीप पर तैनात है. दूसरा चॉपर रणनीतिक रूप से काफी अहम माने जाने वाले लामू में है. इन दो हैलिकॉप्टर के साथ वहां पर 50 भारतीयों का एक दल भी है. ये भी वहीं तैनात है. ये चॉपर भारत ने 2013 में मालदीव को गिफ्ट में दिए थे. उसके बाद जब दोनों देशों के संबंधों में खटास आई तो यमीन ने वापस देन की पेशकश कर दी.

मालदीव के रक्षामंत्री की किसी भी भारतीय मीडिया से यह पहली बातचीत है. मारिया का कहना है कि हमारे लिए कई ऑपरेशन में ये हैलिकॉप्टर काफी मददगार साबित होते हैं.
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