राजस्थान में गुर्जर आरक्षण की मांग फिर तेज़, पीलूपुरा महापंचायत में सरकार को अल्टीमेटम

भरतपुर : राजस्थान में एक बार फिर गुर्जर आरक्षण आंदोलन जोर पकड़ता जा रहा है। भरतपुर जिले के बयाना क्षेत्र स्थित पीलूपुरा (कारवारी शहीद स्मारक) पर रविवार को गुर्जर समाज ने महापंचायत कर सरकार को आरक्षण सहित

अपनी विभिन्न लंबित मांगों को लेकर अल्टीमेटम दिया है। इस गृह राज्यमंत्री जवाहर सिंह बेढम ने गुर्जर समाज से बातचीत के

लिए अपन सहमति जताई है।

 

इस महापंचायत का नेतृत्व गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय बैंसला कर रहे हैं। इस महापंचायत में बड़ी संख्या में समाज के लोग जुटे। महापंचायत में शामिल समाज के पंचों और पूर्व सरपंचों ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया। उनका कहना है कि कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के निधन के बाद से कई अहम मुद्दे अधर में हैं और अब समाज और इंतजार नहीं करेगा। समिति ने संकेत दिया है कि यदि सरकार द्वारा कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला तो आंदोलन को तेज किया जाएगा, जिसमें रेलवे ट्रैक जाम करना भी शामिल हो सकता है। उधर, दौसा जिले के सिकंदरा में गुर्जर और एमबीसी वर्ग के 372 युवा बीते 80 दिनों से धरने पर बैठे हैं। वे रीट-2018, रीट-2021, पशु चिकित्सा भर्ती-2019 और आरजेएस समेत अन्य नियुक्तियों में समझौते के अनुसार नियुक्ति की मांग कर रहे हैं।

इस महापंचायत ओं राजस्थान के अलावा दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और जम्मू-कश्मीर से गुर्जर समाज के लोग ट्रैक्टर, बस, जीप और बाइक के ज़रिए पीलूपुरा पहुंचे हैं। गांव में पीने के पानी के लिए टैंकरों की व्यवस्था की गई है। इस बीच राज्य सरकार की ओर से भी प्रतिक्रिया सामने आई है।

गुर्जर समाज की महापंचायत और उनकी मांगाें काे लेकर राज्य के गृह राज्यमंत्री जवाहर सिंह बेढम ने कहा कि सरकार बिना किसी आंदोलन या महापंचायत के भी संवाद के लिए तैयार है। लोकतंत्र में सभी को अपनी बात रखने का अधिकार है, लेकिन जब सरकार बातचीत को तैयार है तो आंदोलन की आवश्यकता क्यों? उन्होंने संघर्ष समिति से प्रतिनिधिमंडल भेजकर संवाद शुरू करने की अपील की और स्पष्ट किया कि सरकार ने किसी समाज के लिए अपने दरवाजे बंद नहीं किए हैं।

महापंचायत को लेकर प्रशासन सतर्क है। पंचायत स्थल कारवारी शहीद स्मारक और उसके आसपास सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं और बयाना-हिंडौन स्टेट हाईवे पर यातायात डायवर्ट कर वैकल्पिक मार्ग निर्धारित किए गए हैं। भरतपुर और करौली से आने-जाने वाले वाहनों को महवा, कलसाड़ा और करौली की ओर भेजा जा रहा है। दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक, जो महापंचायत स्थल से केवल 150 मीटर की दूरी पर है, को लेकर विशेष सतर्कता बरती जा रही है। ट्रैक के आसपास की हर गतिविधि पर निगरानी रखी जा रही है, ताकि किसी भी तरह की बाधा से बचा जा सके।

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