कृषि मंत्री का बेंगलुरु में किसानों से संवाद, कहा-सरकार कर रही है ‘लैब से लैंड’ की रणनीति पर काम

बेंगलुरु : केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान में ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के अंतर्गत किसानों से संवाद किया। उन्होंने कहा कि खेती को लाभ का व्यवसाय बनाने के लिए सरकार ‘लैब से लैंड’ की रणनीति पर काम कर रही है, जिससे कि वैज्ञानिकों के शोध का लाभ सीधे किसानों तक पहुंचे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत को ‘फूड बास्केट’ बनाने की दिशा में भी ठोस प्रयास किए जा रहे हैं।

विकसित कृषि संकल्प अभियान के 11वें दिन केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान बेंगलुरु पहुंचे। उन्होंने यहां भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान में आयोजित एक कार्यक्रम में किसानों से संवाद किया। इस बीच उन्होंने कहा कि उन्हें यहां आकर गर्व महसूस हो रहा है। शोध के क्षेत्र में वैज्ञानिकों के प्रयास सराहनीय हैं। बेंगुलरु ग्रामीण और आस-पास के क्षेत्रों में बागवानी में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। किसानों ने स्वयं भी कई प्रकार के शोध और प्रयोग करके कृषि नवाचार में नए अध्याय जोड़े हैं।

ड्रैगन फ्रूट की खेती का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि तीसरे वर्ष से इसमें 6–7 लाख रुपये प्रति एकड़ तक का मुनाफा संभव है। उन्होंने बताया कि आज मैंने ड्रैगन फ्रूट की खेती देखी। मुझे जानकारी मिली की ड्रैगन फ्रूट की खेती में पहले दो वर्ष तक उतना फायदा नहीं होता,लेकिन तीसरे साल के बाद 6 से 7 लाख रुपये आसानी से बचाए जा सकते हैं। टमाटर के खेतों का भी भ्रमण किया मुझे किसान भाइयों ने ही बताया, कई बार कीमतों में उतार-चढ़ाव के बाद भी 3 से 4 लाख रुपये प्रति एकड़ कमाया जा सकता है।

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आज भी 50 प्रतिशत आबादी आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर है। जीडीपी में 18 प्रतिशत हिस्सेदारी कृषि क्षेत्र की है। साथ ही इस वर्ष चौथी तिमाही में जीडीपी की विकास दर 7.5 प्रतिशत है, जिसमें कृषि का योगदान 5.4 प्रतिशत है। कृषि में 1 या 2 प्रतिशत की विकास दर बड़ी मानी जाती है। उस लिहाज में यह समझा जा सकता है कि किस प्रकार हम कृषि क्षेत्र में उन्नति के मार्ग पर तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।

कृषि मंत्री ने इस मौके पर नकली बीज और कीटनाशकों का कारोबार करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी और बताया कि इस संबंध में नया कानून लाया जा रहा है। टमाटर, आलू और प्याज की फसलें यदि किसान अधिक कीमत वाली जगहों पर भेजना चाहें, तो केंद्र सरकार परिवहन लागत वहन करेगी। कार्यक्रम में स्थानीय सांसद एम.सी. सुधाकर, वैज्ञानिक, छात्र और बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे।

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