दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भरता से जोड़ रही सरकार

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने दिव्यांगजनों को मुख्यधारा में लाने और उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में प्रभावशाली पहल की है। इसी क्रम में संचालित “दुकान निर्माण/संचालन योजना” ने प्रदेश के हजारों दिव्यांग नागरिकों के जीवन में बड़ा बदलाव लाया है।

पुनर्वास के लिए आर्थिक सहायता और स्वरोजगार का अवसर दे रही योगी सरकार

योगी सरकार की योजना का मुख्य उद्देश्य है दिव्यांगजनों को स्वरोजगार के अवसर प्रदान कर उन्हें समाज में सम्मानजनक जीवन जीने में समर्थ बनाना। योजना के तहत प्रत्येक लाभार्थी को 20,000 रुपये तक की धनराशि दुकान निर्माण अथवा संचालन के लिए दी जा रही है, जिसमें 15000 रुपये ऋण व 5000 रुपये अनुदान और दुकान संचालन के लिए 10,000 रुपये की राशि 75% ऋण और 25% अनुदान दिया जा रहा है। योगी सरकार की यह व्यवस्था न केवल लाभार्थियों के लिए वित्तीय संबल बन रही है, बल्कि उन्हें अपने व्यवसाय की शुरुआत करने का आत्मविश्वास भी दे रही है। कई दिव्यांगजन जो पहले केवल सहायता के मोहताज थे, अब अपने दम पर व्यवसाय चला रहे हैं और दूसरों के लिए भी प्रेरणा बन चुके हैं।

1046 लाभार्थियों को मिला योगी सरकार की योजना का लाभ

वित्तीय वर्ष 2024-25 में सरकार ने इस योजना के लिए 1.06 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया था। योजना का क्रियान्वयन प्रभावी, पारदर्शी और उद्देश्यपरक रहा है। इस राशि में से 1.05 करोड़ रुपये खर्च से कुल 1046 लाभार्थियों को प्रत्यक्ष लाभ मिला है। इस योजना का सबसे बड़ा प्रभाव यह रहा है कि इससे दिव्यांगजनों में आत्मसम्मान की भावना जगी है। अब वे अपने परिवार का पालन-पोषण करने में सक्षम हो रहे हैं और समाज में सम्मान के साथ जी रहे हैं। चाय की दुकान, मोबाइल रिपेयरिंग, स्टेशनरी, जनरल स्टोर जैसी विभिन्न दुकानों के माध्यम से इन लाभार्थियों ने न केवल रोजगार पाया, बल्कि अपने आसपास के लोगों के लिए भी प्रेरणा बनने का कार्य किया।

‘कोई पीछे न छूटे’ की भावना से लगातार कार्य कर रही योगी सरकार

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश सरकार लगातार इस बात पर जोर देती रही है कि विकास का लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे। “सबका साथ, सबका विकास” के मंत्र को आत्मसात करते हुए यह योजना दिव्यांगजनों के जीवन में बड़ा बदलाव ला रही है। योगी सरकार का मानना है कि दिव्यांगता कोई अभिशाप नहीं, बल्कि एक स्थिति है, जिसे सही दिशा और सहायता के माध्यम से सशक्त बनाया जा सकता है। ‘दुकान निर्माण/संचालन योजना’ ने दिव्यांगजनों को केवल आर्थिक सहायता नहीं दी, बल्कि उन्हें समाज में बराबरी का दर्जा दिलाने में भी मदद की है।

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