निकोसिया (साइप्रस)। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी साइप्रस की दो दिन (15-16 जून) की आधिकारिक यात्रा पूरी कर आज कनाडा के लिए रवाना हो गए। प्रधानमंत्री मोदी कनाडा में अल्बर्टा के कनानैस्किस में 51वें जी-7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। प्रधानमंत्री मोदी के निकोसिया में किए गए स्वागत की एक वीडियो क्लिप सुर्खियों में है। इसमें निकोसिया परिषद की सदस्य मिशेला काइथ्रेओटी म्हाल्पा प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत करते हुए सम्मान के तौर पर उनके पैर छूते नजर आ रही हैं। इस क्लिप को भाजपा के एक्स हैंडल पर साझा किया गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय संस्कृति से परिचित होने के लिए उनकी विनम्रता के साथ प्रशंसा की।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान एक्स हैंडल पर कहा, ” मैं साइप्रस की सरकार और लोगों के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं कि उन्होंने मुझे ‘द ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ मकारियोस III’ से सम्मानित किया। यह मेरा सम्मान नहीं है। यह 140 करोड़ भारतीयों का सम्मान है। मैं यह पुरस्कार भारत और साइप्रस के बीच की चिरस्थायी मित्रता को समर्पित करता हूं। हम दोनों देश अब मिलकर एक बेहतर ग्रह बनाने में योगदान देंगे।”
प्रधानमंंत्री मोदी ने साइप्रस में विदाई से पहले राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस के साथ निकोसिया के पास के पहाड़ों को निखारा। यह पहाड़ तुर्किये के कब्जे में हैं। साइप्रस का बड़ा हिस्सा1974 से तुर्किये के पास है। इसके बाद निकोसिया की परिषद सदस्य माइकेला काइथ्रेओटी म्हापा ने निकोसिया के ऐतिहासिक केंद्र में प्रधानमंत्री मोदी के सम्मान में भारतीय संस्कृति के अनुरूप उनके पैर छुए।
प्रधानमंत्री मोदी ने उनके इस कदम का सम्मान किया और उनके सिर पर आर्शीवाद स्वरूप हाथ भी रखा। इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी को निकोसिया में राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस ने साइप्रस में दिए जाने वाला सर्वोच्च सम्मान ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ मकारियोस III से सम्मानित किया। इस सम्मान का नाम साइप्रस के प्रथम राष्ट्रपति मकारियोस III के नाम पर रखा गया है। यह राष्ट्र के प्रति सराहनीय सेवा के सम्मान में राष्ट्राध्यक्षों और अन्य महत्वपूर्ण लोगों को प्रदान किया जाता है।
प्रधानमंत्री ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह भारत के सांस्कृतिक भाईचारे और वसुधैव कुटुम्बकम की विचारधारा का सम्मान है। प्रधानमंत्री मोदी रविवार दोपहर साइप्रस पहुंचे थे। यह दो दशकों से अधिक समय में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की द्वीप राष्ट्र साइप्रस की पहली यात्रा थी। लारनाका अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर साइप्रस के राष्ट्रपति ने उनका स्वागत किया।