वसई-विरार छापेमारी: ईडी ने 1.२५ करोड़ रुपये और अहम दस्तावेज जब्त किए

मुंबई : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने वसई-विरार के पूर्व नगर निगम आयुक्त अनिल कुमार पवार के रिश्तेदार के घर से एक करोड़ २५ लाख रुपये नकद, अहम दस्तावेज तथा हार्ड डिस्क बरामद की है। वसई-विरार में किए गए ४१ अनधिकृत निर्माण कार्य से संबंधित ईडी की यह छापेमारी मंगलवार को सुबह ७.३० बजे शुरु की गई थी और १८ घंटे बाद बीती मध्य रात 1.30 बजे छापामार कार्रवाई को बंद किया। इस संबंध में ईडी की टीम ने अब तक कोई अधिकृत ब्योरा नहीं दिया है।

सूत्रों ने बुधवार को बताया कि ईडी की टीम ने मंगलवार सुबह 7.30 बजे वसई-विरार नगर निगम (वीवीएमसी) के पूर्व आयुक्त अनिल कुमार पवार के सरकारी बंगले सहित १२ ठिकानों पर छापा मारा था। यह कार्रवाई वसई विरार इलाके में डंपिंग ग्राउंड और अन्य आरक्षित भूखंड पर बनी अवैध इमारतों के निर्माण से जुड़े एक बड़े वित्तीय घोटाले के सिलसिले में की जा रही थी। यह कार्रवाई अनिल पवार के वसई-विरार नगर निगम आयुक्त पद से सेवा मुक्त होने के ठीक एक दिन बाद शुरु की गई थी। 28 जुलाई को अनिल पवार के विदाई समारोह के बाद पवार नगर निगम से सभी दस्तावेज घर ले गए थे। अनिल पवार के विदाई समारोह में आयुक्त आवास पर कुछ निर्माण पेशेवर और ठेकेदार मौजूद थे, इसलिए ईडी की छापेमारी अनिल कुमार सहित उनके रिश्तेदारों और नजदीकियों के यहां भी थी।

सूत्रों के अनुसार ईडी की अब तक की जांच से पता चला है कि वसई विरार इलाके में 2009 से बड़े पैमाने पर अवैध आवासीय और व्यावसायिक इमारतों का निर्माण किया गया था। नालासोपारा पूर्व की आधिकारिक विकास योजना में सीवेज परियोजनाओं और कचरा डिपो के लिए आरक्षित भूमि पर कुल 41 अवैध इमारतों का निर्माण किया गया था। इन इमारतों में फर्जी स्वीकृति पत्र तैयार करके मकान बेचे गए। इससे आम नागरिकों के साथ बड़ी धोखाधड़ी हुई। ईडी इसकी जांच कर रही थी। बॉम्बे उच्च न्यायालय ने 8 जुलाई, 2024 को इन सभी 41 अवैध इमारतों को गिराने का आदेश दिया था। इसके बाद निवासियों ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। न्यायालय ने इसे खारिज कर दिया था। अंतत: 20 फरवरी को वीवीएमसी द्वारा सभी 41 इमारतों को गिरा दिया गया था। इसी सिलसिले में मई महीने में ईडी ने मुंबई और हैदराबाद में 13 जगहों पर छापेमारी की थी, जिसमें 9.4 करोड़ रुपये नकद, 23.25 करोड़ रुपये के हीरे जड़ित आभूषण, सोना और कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए गए थे। जांच में पता चला कि यह अवैध निर्माण वीवीएमसी अधिकारियों की मिलीभगत से किया गया था। मुख्य आरोपित के रूप में सीताराम गुप्ता और अरुण गुप्ता के नाम सामने आए हैं। साथ ही, वीवीएमसी के तत्कालीन उपनगरीय योजना निदेशक वाई. एस. रेड्डी के घर पर छापेमारी में 8.6 करोड़ रुपये नकद और 23.25 करोड़ रुपये के आभूषण व सोना जब्त किया गया था।

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