चिकित्सा सेवा को जनकल्याण का माध्यम बनाएं : राष्ट्रपति

कोलकाता : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु बुधवार को पश्चिम बंगाल के नदिया जिले के कल्याणी स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के पहले दीक्षांत समारोह में शामिल हुईं। इस दौरान उन्होंने युवा डॉक्टरों को समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने का संदेश दिया। उन्होंने पदक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों से अपील की कि वे चिकित्सा सेवा को केवल पेशा न मानें, बल्कि इसे जनकल्याण का माध्यम बनाएं और डॉक्टर बिधान चंद्र रॉय के आदर्शों को अपने जीवन में उतारें। बिधान चंद्र रॉय स्वतंत्रता सेनानी और पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री थे।

दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि आजादी के समय भारत में औसत आयु केवल 32 वर्ष थी, जो अब बढ़कर लगभग 70 वर्ष हो गई है। उन्होंने इसे चिकित्सा जगत के योगदान का परिणाम बताया। राष्ट्रपति ने हाल के वर्षों में टीकाकरण के क्षेत्र में हुई प्रगति को रेखांकित करते हुए कहा कि कई बीमारियों का उन्मूलन हो चुका है, जैसे भारत को पिछले वर्ष ट्रेकोमा-मुक्त घोषित किया गया था।

राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि स्वस्थ जीवनशैली और संतुलित आहार के जरिये अधिकांश बीमारियों से बचा जा सकता है। डॉक्टर जब खुद अनुशासित जीवन जिएंगे, तो समाज पर उसका गहरा प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने युवा डॉक्टरों से आग्रह किया कि वे सिर्फ दवाएं ही नहीं, बल्कि जीवनशैली से जुड़ी सलाह भी मरीजों को दें। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि एम्स कल्याणी के पहले बैच के रूप में वे इस संस्थान की पहचान के निर्माता हैं और उनके प्रयासों से यह संस्थान राष्ट्रीय गौरव बन सकता है।

राष्ट्रपति ने चिकित्सा विज्ञान में हो रहे तेज बदलावों की ओर ध्यान दिलाते हुए डॉक्टरों से जीवनभर सीखते रहने की सलाह दी। उन्होंने कल्याणी शहर की स्थापना की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि का जिक्र करते हुए बताया कि इसकी आधारशिला डॉक्टर बीसी (बिधान चंद्र) रॉय ने रखी थी, जो मुख्यमंत्री रहते हुए भी निःशुल्क सेवा करते थे। राष्ट्रपति ने एम्स के शिक्षकों, विद्यार्थियों और प्रशासन से आग्रह किया कि वे इस संस्थान को राष्ट्रीय सम्मान का केंद्र बनाने का संकल्प लें।

समारोह में राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस, केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव, पश्चिम बंगाल की स्वास्थ्य राज्यमंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य और केंद्रीय पोर्ट्स, शिपिंग एवं जलमार्ग राज्य मंत्री शांतनु ठाकुर भी शामिल हुए।

दीक्षांत समारोह में कुल 48 एमबीबीएस छात्रों और नौ पोस्ट-डॉक्टोरल सर्टिफिकेट कोर्स (पीडीसीसी) के छात्रों को डिग्री प्रदान की गई।

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