बिहार में वोटर लिस्ट के लिए विशेष गहन पुनरीक्षण यानी एसआईआर (SIR) की प्रक्रिया लगभग पूरी को चुकी है. इस दौरान लगातार कयास लगाए जा रहे है कि पश्चिम बंगाल में भी एसआईआर को लेकर जल्द कदम उठाए जाएंगे. हालांकि, इस पर बंगाल सरकार ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इसके लिए कम से कम दो वर्ष का समय लगेगा. इस बारे में राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखकर इसकी सूचना दी. इस पत्र में बंगाल के मुख्य सचिव मनोन पंत ने कहा कि राज्य अभी एसआईआर के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं है. ऐसे में मतदाता सूची का एसआईआर नहीं किया जा सकता है. इसके लिए कम से कम दो वर्ष का समय लगेगा. आयोग को पत्र लिखकर कहा गया है कि बंगाल एसआईआर बिल्कुल तैयार नहीं है. मुख्य सचिव ने स्पष्ट किया कि अभी इसके लिए बिल्कुल भी समय नहीं है.
रोहिंग्याओं के वोटो से जीती यह सरकार हार जाएगी: भाजपा
वहीं, भाजपा ममता सरकार के इस रुख को लेकर मुखर है. केंद्रीय राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार का कहना है,‘सब कुछ समझ में आता है. वे किसी भी तरह से एसआईआर को रोकने के लिए बेताब हैं. क्योंकि, अगर मतदाता सूची का व्यापक संशोधन होता है तो रोहिंग्याओं के वोटो से जीती यह सरकार हार जाएगी. हालांकि, आयोग देश की संप्रभुता को बचाने को लेकर कदम जरूर उठाएगा.’
SIR के एक तमाशा- टीएमसी
दूसरी ओर तृणमूल कांग्रेस प्रवक्ता अरूप चक्रवर्ती का दावा है कि SIR के साथ एक तमाशा जारी है. राहुल गांधी ने जानकारी उठाकर वोट चोरी दिखाई है. चुनाव आयोग को पहले उन्हें जवाब देने की जरूरत है.’ SIR को लेकर आयोग और विपक्ष के बीच टकराव की स्थिति है. यह टकराव बिहार में SIR का चरण पूरा होने के कुछ वक्त बाद ही शुरू हो गया था.