भारत के प्रिटिंग और पैकेजिंग क्षेत्र में नए ऐतिहासिक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर

नई दिल्ली : भारत के प्रिंटिंग और पैकेजिंग उद्योग को नई दिशा देने वाले एक अभूतपूर्व कदम के तहत इंडियन प्रिंटिंग पैकेजिंग एंड अलाइड मशीनरी मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (आईपीएएमए) और ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ प्रिंटर्स एंड पैकेजर्स (एआईएफपीपी) ने एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।

उत्तर प्रदेश के नोएडा स्थित आईपीएएमए कार्यालय में सोमवार को हस्ताक्षरित यह समझौता ज्ञापन इस उ‍‍‍‍‍‍द्योग के दो दिग्गजों को एकजुट करने का काम करेगा। इससे देशभर में लगभग 250,000 उद्यमियों को रोजगार देने वाले इस क्षेत्र में नवाचार, सहयोग और वैश्विक मान्यता के प्रति नवीन उत्साह बढेगा। यह समझौता आईपीएएमए और एआईएफपीपी को प्रदर्शनियों और आयोजनों के लिए विशेष रणनीतिक साझेदार के रूप में भी स्थापित करता है।

दोनो संगठनों के महासचिवों इकबाल सिंह और सुनील जैन ने इस समझौते को औपचारिक रूप प्रदान किया। इसमें आईपीएएमए अध्यक्ष जयवीर सिंह और एआईएफपीपी के प्रमुख अश्विनी गुप्ता का भी विशेष योगदान रहा।

इस अवसर पर उद्योग जगत के कई प्रतिष्ठित दिग्गज उपस्थित थे जिनमें आर सुरेश कुमार, धरम पाल रावत, शिव कुमार शर्मा, कुलजीत सिंह मान, प्रशांत वत्स, राजेश सरदाना, विजय मोहन, संदीप अग्रवाल, मुकेश कुमार, प्रशांत अग्रवाल, दीपक भाटिया और प्रो. कमल मोहन चोपड़ा शामिल थे।

यह महत्वपूर्ण साझेदारी इंट्रापैक इंडिया 2025 प्रदर्शनी में प्रतिष्ठित “पैकेजिंग उत्कृष्टता पुरस्कार” के साथ शुरू होगी जो 10 से 13 दिसंबर को ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट में आयोजित होगी। इस दौरान विशेष पुरस्कार समारोह भी आयोजित किया जाएगा। इसके लिए आईपीएएमए आयोजन स्थल, बैठने की व्यवस्था और प्रचार संबंधी सहायता सहित अत्याधुनिक बुनियादी ढांचा प्रदान करेगा जबकि एआईएफपीपी पुरस्कार ढांचे, प्रविष्टि मूल्यांकन और आयोजन की व्यवस्था का नेतृत्व करेगा।

यह सहयोग 2027 में 17वीं प्रिंटपैक इंडिया प्रदर्शनी तक अपनी गतिविधियों में तेजी लाएगा। इसके तहत मुद्रण और पैकेजिंग में उत्कृष्टता के लिए राष्ट्रीय और वैश्विक पुरस्कार शुरू किए जाएंगे। समझौते के तहत प्रिंटपैक- राजस्थान और प्रिंटपैक पूर्वोत्तर जैसी क्षेत्रीय पहलों में एआईएफपीपी संगोष्ठियां और व्यक्तित्व पुरस्कार जैसे नवीन कार्यक्रमों का भी संचालन किया जाएगा।

जयवीर सिंह ने इस समझौता ज्ञापन को “मील का पत्थर” करार देते हुए इस क्षेत्र के उज्ज्वल भविष्य की कामना की, जिससे देश का प्रिटिंग और पैकेजिंग उद्योग वैश्विक मंच पर अपनी पहचान बना सकेगा। इस अवसर पर प्रो. कमल मोहन चोपड़ा ने सिंह के दूरदर्शी नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए जोर देकर कहा कि यह गठबंधन नवाचार को बढ़ावा देने और उत्कृष्टता का जश्न मनाने के साथ ही क्षेत्र के प्रतिभाशाली लोगों को एकजुट करने के दीर्घकालिक सपने को साकार करता है।

यह साझेदारी एक रचनात्मक और तकनीकी पुनर्जागरण को जन्म देगी, उद्यमियों को सशक्त बनाएगी और मुद्रण एवं पैकेजिंग नवाचार के वैश्विक केंद्र के रूप में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ाएगी। यह समझौता ज्ञापन प्रिंटपैक इंडिया 2027 तक वैध रहेगा जिसमें दोनों पक्ष पूर्व सहमति के बिना अन्य रणनीतिक साझेदारों को मान्यता नहीं देने पर सहमत हैं। इसके तहत एक केंद्रित और शक्तिशाली गठबंधन को बढ़ावा मिलता है।

यह समझौता सहयोग गोपनीयता और विवाद समाधान के लिए एक मज़बूत ढांचे की रूपरेखा प्रस्तुत करता है जिसमें भविष्य के समझौतों में विस्तृत रूप से उल्लिखित विशिष्ट प्रतिबद्धताएं शामिल हैं। यह ऐतिहासिक सहयोग भारत के मुद्रण और पैकेजिंग उद्योग को अभूतपूर्व ऊंचाइयां प्रदान कर सकेगा जिससे नवाचार और अद्वितीय विकास की एक नवीन विरासत का सूत्रपात होगा।

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