कोलकाता : दक्षिण 24 परगना जिले के बारुईपुर पूर्व विधानसभा क्षेत्र के बूथ संख्या 94 में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के दौरान गंभीर अनियमितताओं के आरोप सामने आने पर चुनाव आयोग ने दो बूथ स्तर अधिकारियों (बीएलओ), निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी (ईआरओ) और सहायक निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी (एईआरओ) को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। आयोग ने चारों से 48 घंटे के भीतर जवाब मांगा है।
आयोग के सूत्रों के अनुसार, संबंधित बूथ पर नियुक्त पहली बीएलओ को राजनीतिक संबद्धता के आरोप में पहले ही हटा दिया गया था। आरोप था कि वह स्थानीय तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ता हैं। उनके हटाए जाने के बाद एक आंगनवाड़ी कर्मी को नया बीएलओ नियुक्त किया गया था। इसके बावजूद शिकायतें मिलीं कि हटाई गई बीएलओ आदेश के बावजूद अपना कार्य जारी रख रही थीं।
निरीक्षकों ने जब दोनों बीएलओ के हस्ताक्षर मतदाता सूची से संबंधित प्रपत्रों पर पाए, तो अनियमितता उजागर हुई। मामला तब और गंभीर हो गया जब मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) कार्यालय ने पाया कि पहली बीएलओ को चार नवंबर को आधिकारिक रूप से हटाए जाने के बावजूद उनके हस्ताक्षर 25 नवंबर की तारीख वाले प्रपत्रों पर फिर से मौजूद हैं।
सीईओ कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ऐसी स्थिति कैसे उत्पन्न हुई, यह अत्यंत चिंताजनक है। इस पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है। शिकायतें सीधे विशेष पर्यवेक्षक सुब्रत गुप्ता और मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनोज कुमार अग्रवाल के पास पहुंची हैं।
आयोग ने ईआरओ और एईआरओ को भी इस अनियमितता को रोकने में विफल रहने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है। प्रारंभिक जांच में पाया गया है कि नए बीएलओ ने हटाई गई बीएलओ को कई फॉर्म एकत्र करने की अनुमति दी थी, जिसे आयोग ने एसआईआर मानकों का गंभीर उल्लंघन माना है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हमने बार-बार एसआईआर प्रक्रिया में पारदर्शिता की आवश्यकता पर जोर दिया है, फिर भी बारुईपुर पूर्व से अनियमितता और गलत गतिविधियों की खबरें मिल रही हैं। दोषी पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
यह कार्रवाई ऐसे समय हुई है जब आयोग ने पूरे राज्य में निगरानी और सख्ती बढ़ा दी है। हाल ही में जिला निर्वाचक अधिकारियों की प्रारंभिक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि दो हजार 208 बूथों में पिछले वर्ष कोई मृत्यु या प्रवासन नहीं हुआ, लेकिन आयोग द्वारा लिखित स्पष्टीकरण मांगने के बाद यह संख्या घटकर केवल दो बूथ रह गई। इस विसंगति के बाद आयोग ने पांच नए पर्यवेक्षक नियुक्त किए हैं, जो राज्य के पांच डिवीजन— प्रेसिडेंसी, मेदिनीपुर, बर्दवान, मालदा और जलपाईगुड़ी में कार्यों की निगरानी करेंगे।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनोज कुमार अग्रवाल बुधवार को नव नियुक्त पर्यवेक्षकों और विशेष पर्यवेक्षक सुब्रत गुप्ता के साथ बैठक करेंगे, जिसमें एसआईआर प्रक्रिया से जुड़ी मौजूदा समस्याओं की समीक्षा की जाएगी।
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