न्यूयॉर्क ( शाश्वत तिवारी)। भारत ने संयुक्त राष्ट्र की सूची में दर्ज पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद आतंकवादी समूहों और उनके समर्थकों को अफ़ग़ानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल आतंकवाद के लिए न करने देने की वैश्विक कार्रवाई का आह्वान किया है। भारत ने साफ कहा कि इन संगठनों और उनके मददगारों को अफगान जमीन का दुरुपयोग करने से रोकना होगा। न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत पी. हरीश ने 17 सितंबर को अफगानिस्तान पर हुई संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए यह बात कही।
भारतीय राजनयिक ने कहा कि भारत अफ़ग़ानिस्तान की मदद के लिए हमेशा अंतर्राष्ट्रीय और क्षेत्रीय सहयोग का समर्थन करता रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि सिर्फ़ तालिबान को सज़ा देने से कोई फ़ायदा नहीं होगा। हरीश ने अफ़ग़ानिस्तान के लोगों की मदद के लिए नए और रचनात्मक तरीक़े अपनाने का आह्वान किया। भारत ने 22 अप्रैल के पहलगाम आतंकवादी हमले की अफ़ग़ानिस्तान द्वारा की गई कड़ी निंदा का भी स्वागत किया।
न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर हरीश के संबोधन की एक वीडियो क्लिप साझा की है, जिसमें भारतीय राजदूत ने कहा कि भारत और अफगानिस्तान के बीच सभ्यता का गहरा रिश्ता है। भारत की दिली ख्वाहिश है कि अफगानिस्तान में अमन और तरक्की हो। भारत अफ़ग़ानिस्तान की सुरक्षा स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहा है।
उन्होंने बताया कि इस महीने अफ़ग़ानिस्तान में आए विनाशकारी भूकंप के बाद भारत ने सबसे पहले मदद पहुंचाई थी। हरीश ने कहा कि अफ़ग़ानिस्तान को मदद पहुंचाने की भारत की प्रतिबद्धता पर कोई समझौता नहीं हो सकता। अफ़ग़ानिस्तान के पुनर्निर्माण में मदद के लिए मानवीय सहायता और प्रशिक्षण कार्यक्रम भारत की सर्वोच्च प्राथमिकताएं हैं।
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