पटना : मोक्ष और ज्ञान की भूमि बिहार के गयाजी में विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला चल रहा है। पितृपक्ष मेले के बीच आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू गयाजी पहुंच गई हैं।
राष्ट्रपति पितरों के मोक्ष की कामना को लेकर विष्णुपद और फल्गु अक्षयवट में पिंडदान करेंगी। उन्होंने सबसे पहले विष्णु चरण का दर्शन किया है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के आगमन को लेकर चप्पे -चप्पे पर पुलिस बलों की तैनाती की गई है। जिला प्रशासन द्वारा भी राष्ट्रपति के आगमन को लेकर पूरी तैयारी कर ली गई थी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का पैतृक गांव उड़ीसा के मयूरगंज अंतर्गत आने वाला ऊपर बेड़ा गांव है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पितरों के पंडा राजेश लाल कटारियार है, जिनके पास ऊपर बेड़ा गांव के पिंडदानियों का बहीखाता है।
राष्ट्रपति पद पर रहते हुए द्रौपदी मुर्मू अपने पूर्वजों-पितरों के निमित्त पिंडदान- श्राद्ध का कर्मकांड करेंगी।
इससे पहले ज्ञानी जैल सिंह राष्ट्रपति पद पर रहते हुए गयाजी आए थे और उन्होंने गयाजी के दर्शन किए थे। इसके अलावा उपराष्ट्रपति रहते हुए आर. वेंकटरमन भी गयाजी पहुंचे थे और पिंडदान किया था।
बिहार के गयाजी में विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला अपने 15वें दिन में है, जो गया श्राद्ध का 14वां दिन भी है। इस दिन वैतरणी सरोवर पर तर्पण और गोदान का विशेष विधान है। मान्यता है कि इस दिन वैतरणी वेदी पर स्नान और तर्पण करने से पिंडदानी के 21 कुलों का उद्धार होता है।