नई दिल्ली : केंद्रीय सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बुनियादी ढांचे के भविष्य के तीन प्रमुख स्तंभों- जन, समृद्धि और नियोजन- को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचा जन-केंद्रित होना चाहिए, जिससे नागरिकों के लिए आराम और सुविधा सुनिश्चित हो। इसके लिए देश भर में 670 सड़क किनारे सुविधाएँ विकसित की गई हैं।
आज नई दिल्ली में आयोजित ‘स्मार्ट सड़कों का भविष्य-सुरक्षा, स्थिरता और लचीलापन’ विषय पर सीआईआई के राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा कि 2027 तक भारत को पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के तहत, विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे का विकास एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
उन्होंने कहा कि सड़क और परिवहन क्षेत्र देश भर में आर्थिक विकास, निवेश और रोज़गार सृजन के अपार अवसर प्रदान करता है। उन्होंने बताया कि मंत्रालय का वार्षिक राजस्व वर्तमान में 55,000 करोड़ रुपये है। दो वर्षों के भीतर बढ़कर 1.4 लाख करोड़ रुपये हो जाने का अनुमान है। यह इस क्षेत्र की अपार विकास क्षमता को दर्शाता है।
उन्होंने बताया कि कैबिनेट में 2027 के लिए एक व्यापक बुनियादी ढाँचा योजना पर चर्चा की गई, जिसमें सड़क निर्माण में 80 लाख टन पृथक प्लास्टिक कचरे का उपयोग और सड़क निर्माण के लिए शोधन संयंत्रों से उपचारित जल का पुन: उपयोग जैसी स्थायी पहल शामिल हैं।
दो-लेन राजमार्गों (25,000 किलोमीटर लंबे) चार-लेन में बदलने का काम चल रहा है। वहीं, 2 लाख करोड़ रुपये का बंदरगाह संपर्क कार्यक्रम सभी प्रमुख बंदरगाहों को राष्ट्रीय राजमार्गों से जोड़ रहा है। मंत्री ने यह भी कहा कि बेहतर सड़क संपर्क देश के कई हिस्सों में धार्मिक पर्यटन और साहसिक खेलों को बढ़ावा दे
रहा है।
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