नई दिल्ली : केंद्रीय विद्युत और आवासन एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि भारत नवाचार और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रहा है और ऊर्जा परिवर्तन तथा सतत विकास में नए मानक स्थापित कर रहा है। देश में विकसित प्रौद्योगिकियां ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने के साथ नवीकरणीय ऊर्जा के एकीकरण को भी बढ़ावा देंगी।
मनोहर लाल ने मंगलवार को ग्रेटर नोएडा स्थित एनटीपीसी के अनुसंधान एवं विकास केंद्र (नेत्र) में देश की पहली और सबसे बड़ी मेगावाट आवर क्षमता वाली वेनेडियम रेडॉक्स फ्लो बैटरी (वीआरएफबी) प्रणाली का उद्घाटन किया। तीन मेगावाट आवर क्षमता वाली यह प्रणाली दीर्घकालिक ऊर्जा भंडारण (एलडीईएस) समाधानों की दिशा में भारत का एक ऐतिहासिक कदम है। इससे नवीकरणीय ऊर्जा एकीकरण और ग्रिड स्थिरता में वृद्धि होगी।
कार्यक्रम में विद्युत सचिव पंकज अग्रवाल, अतिरिक्त सचिव पियूष सिंह तथा मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। एनटीपीसी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक गुरदीप सिंह तथा अन्य अधिकारियों ने मंत्री का स्वागत किया। केंद्रीय विद्युत मंत्रालय के अनुसार, वेनेडियम रेडॉक्स फ्लो बैटरी एक आधुनिक तकनीक है, जो पारंपरिक लिथियम-आयन बैटरियों का विकल्प बन सकती है। इस तकनीक से बैटरी निर्माण में प्रयुक्त होने वाले तत्वों की विविधता बढ़ेगी और वैकल्पिक ऊर्जा के क्षेत्र में नई संभावनाएं खुलेंगी।
मनोहर लाल ने एनटीपीसी नेत्र की टीम को अभिनव अनुसंधान के लिए सराहना दी और कहा कि इस प्रकार के प्रयास भारत की ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में मील का पत्थर सिद्ध होंगे। इस अवसर पर मंत्री को एनटीपीसी के कार्बन कैप्चर, ग्रीन हाइड्रोजन, ऊर्जा भंडारण और कचरे से ऊर्जा उत्पादन संबंधी शोध कार्यों की जानकारी दी गई। उन्होंने ग्रीन हाइड्रोजन मोबिलिटी प्लांट, एसटीपी जल आधारित ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट, सॉलिड ऑक्साइड उच्च तापमान स्टीम इलेक्ट्रो लाइज़र, एमएसडब्ल्यू-आरडीएफ आधारित स्टीम गैसीफिकेशन प्लांट और एसी माइक्रोग्रिड (चार मेगावाट पी और एक मेगावाट आवर ली-एनएमसी बैटरी प्रणाली) का भी निरीक्षण किया। ———
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