कोलकाता में ‘शौर्य यात्रा’ के जरिए हिन्दू एकता का संदेश, शुभेंदु अधिकारी ने ममता सरकार पर बोला हमला

कोलकाता : पश्चिम बंगाल में 2026 विधानसभा चुनावों से पहले राजनीतिक माहौल गरमाता जा रहा है। शनिवार को कोलकाता में भाजपा विधायक और नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने ‘शौर्य यात्रा’ में हिस्सा लिया, जिसका उद्देश्य हिन्दू एकता का संदेश देना बताया गया। यह यात्रा स्वामी विवेकानंद के पैतृक आवास से शुरू होकर उत्तरी कोलकाता के श्यामबाजार पांच-माथा मोड़ तक लगभग 1.7 किलोमीटर चली।

 

यह जुलूस ‘सिंह वाहिनी’ नामक एक धार्मिक संगठन द्वारा आयोजित किया गया था। बाबरी मस्जिद ढहाए जाने की बरसी पर आयोजित रैली में बड़ी संख्या में संगठनों के प्रतिनिधि तथा आम लोगों ने हिस्सा लिया।

 

शुभेंदु अधिकारी ने बेलडांगा में निलंबित टीएमसी विधायक हुमायूं कबीर द्वारा बाबरी मस्जिद जैसी संरचना वाले मस्जिद के शिलान्यास को “खतरनाक कदम” बताया। उन्होंने कहा कि किसी भी नए धार्मिक स्थल से हमें आपत्ति नहीं है, लेकिन ऐसा कोई कदम नहीं उठना चाहिए जिससे सामाजिक तनाव बढ़े।

 

भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया कि राज्य के “70 प्रतिशत हिन्दुओं” को एकजुट होकर “कट्टरपंथी ताकतों” का मुकाबला करना होगा ताकि “राम राज्य” जैसा सुशासन स्थापित किया जा सके। उनका दावा है कि यह रैली टीएमसी की “तुष्टीकरण राजनीति” के खिलाफ है, जिसके कारण बंगाल की जनसांख्यिकी में बदलाव की आशंका पैदा हो रही है।

 

सभा में मतुआ समुदाय और पिछड़ी जातियों के कई लोग भी शामिल हुए। अधिकारी ने कहा कि अब समय आ गया है कि “धार्मिक रूप से प्रतिबद्ध हिन्दू” एक मंच पर आएं और राज्य में राजनीतिक परिवर्तन लाएं। उन्होंने दावा किया कि हुमायूं कबीर को हिन्दुओं का समर्थन नहीं मिलेगा और आने वाले दिनों में “जो हिन्दुओं के हित में काम करेगा, वही बंगाल पर शासन करेगा।”

 

अधिकारी ने यह भी कहा कि यह यात्रा उन कारसेवकों को श्रद्धांजलि देने के लिए निकाली गई है, जिन्होंने राम मंदिर आंदोलन में योगदान दिया था।

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