दिल्ली यूनिवर्सिटी की गुरुवार को हुई कार्यकारिणी की बैठक में 8 मार्च तक डीयू बंद करने का निर्णय लिया गया है। जबकि, पहली आम सभा में 27 से 1 मार्च तक डीयू बंद का ऐलान किया गया था। इस दौरान यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में शिक्षण कार्य प्रभावित हो सकता है। बता दें कि पिछले पांच सालों में पहली बार डीयू लगातार 10 दिन तक बंद करने का ऐलान किया गया है।
डीयू शिक्षक संघ के अध्यक्ष राजीब रे ने बताया कि शिक्षक आज दुखी हैं, क्योंकि उनकी मांगों को नहीं सुना जा रहा है। यही कारण है कि बंद को जारी रखने का निर्णय कार्यकारिणी ने लिया है। हम छात्रों के भविष्य को लेकर भी चिंतित हैं। हम उनके कोर्स की भरपाई करेंगे। उन्होंने कहा कि डीयू में बंद इसलिए भी आवश्यक है कि यदि हमारी मांगों पर विचार नहीं किया गया तो कई शिक्षकों की नौकरी चली जाएगी।
शिक्षक संगठन के प्रतिनिधियों का कहना है कि यह निर्णय सरकार और डीयू द्वारा उनकी मांगों की हो रही लगातार उपेक्षा के कारण लिया गया है। डूटा के उपाध्यक्ष सुधांशु कुमार ने बताया कि कार्यकारिणी के सदस्यों ने यह निर्णय लिया है और सबने उसका समर्थन किया है। 13 प्वाइंट रोस्टर, नियुक्ति, पदोन्नति, समायोजन सहित तमाम ऐसे शिक्षकों के मसले हैं, जिस पर अब तक न तो सरकार कदम उठा रही है न ही डीयू।
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