बिहार के तीन मेडिकल कॉलेजों में जरूरी संसाधन व सुविधाएं न होने के कारण मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने इस साल इन कॉलेजों में दाखिलों पर रोक लगा दी थी. इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान बिहार सरकार ने कोर्ट को भरोसा दिलाया कि वह तीन महीनों में इन कॉलेजों में सभी सुविधाएं पूरी कर देंगे. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह थोड़ी देर में कोर्ट की वेबसाइट पर आर्डर अपलोड कर देंगे कि इन कॉलेजों में दाखिले होंगे या नहीं. आपको बता दें कि तय प्रक्रिया के तहत कल मंगलवार से इन कॉलेजों में दाखिले की काउंसिलिंग शुरू होनी है.
मेडिकल कॉलेजों की स्थिति को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार
इसके अलावा कोर्ट ने राज्य मेडिकल कॉलेजों में सुविधाओं की कमी पर बिहार सरकार को आड़े हाथों लेते हुए टिप्पणी की कि अगर आपके पास ऐसी सुविधाएं होंगी तो मरीजों का क्या होगा? आप इंसानों का इलाज करने जा रहे हैं, जानवरों का नहीं. इससे पहले के एक जजमेंट में हम पहले भी कह चुके हैं कि आप अपरिपक्व डॉक्टर बना रहे हैं.
14 जून को सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार से मांगा था हलफनामा
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 14 जून को बिहार सरकार से इस मामले में हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा था कि सरकार बताए कि तीनों सरकारी मेडिकल कॉलेजों में जो कमियां हैं वह कब तक पूरी हो जाएंगी. जिन तीन मेडिकल कॉलेजों की यहां चर्चा हो रही है उनमें सरकारी मेडिकल कॉलेज गया, सरकारी मेडिकल कॉलेज बेतिया और सरकारी मेडिकल कॉलेज पावापुरी शामिल हैं. तीनों कॉलेजों में मेडिकल सुविधाओं के मानक को पूरा न करने के कारण MCI ने इस सत्र में दाखिले पर रोक लगा दी थी.
12 जून को मेडिकल कॉलेजों ने खटखटाया था SC का दरवाजा
मेडिकल पाठ्यक्रमों में इस वर्ष प्रवेश पर रोक संबंधी भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआई) के आदेश पर बिहार के तीन मेडिकल कॉलेजों ने मंगलवार (12 जून) को उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था. जिसके बाद न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की अवकाशकालीन खंडपीठ ने बेतिया, पावापुरी और गयास्थित सरकारी मेडिकल कॉलेजों की याचिका पर एमसीआई से जवाब तलब किया था. न्यायालय ने इस मामले की सुनवाई के लिए 14 जून की तारीख मुकर्रर की थी
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