लोकसभा चुनाव खत्म होते ही पंजाब में बिजली के दरें बढ़ गई हैैं। पंजाब राज्य विद्युत नियामक आयोग ने वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए सभी श्रेणी के उपभोक्ताओं के लिए बिजली दरों में 2.14 फीसदी की बढ़ोतरी कर दी है। नई दरें एक जून 2019 से प्रभावी होंगी। बढ़ाई गई दरों के अनुसार प्रति यूनिट बिजली 8 पैसे तक महंगी हो जाएगी, इस पर टैक्स अलग से लगेगा।
बिजली दरों के अलावा नए टैरिफ में सभी श्रेणियों के लिए प्रति किलोवाट के लिए निर्धारित शुल्क को भी दस रुपये बढ़ाया गया है। राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी आदेश के मुताबिक घरेलू उपभोक्ताओं के लिए आठ पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी के साथ फिक्स चार्ज में दस रुपये प्रति किलोवाट की बढ़ोतरी की गई है।


वहीं, औद्योगिक उपभोक्ताओं के टैरिफ में भी आठ पैसे प्रति यूनिट और फिक्स चार्ज में 5 केवीए की बढ़ोतरी की गई है। आपूर्ति की औसत लागत 6.629 रुपए प्रति यूनिट आंकी गई है। वहीं, सकल राजस्व की आवश्यकता का आकलन 32,757 करोड़ रुपये है। बिजली की दरें बढऩे के बावजूद राजस्व प्राप्ति और व्यय में करीब 497 करोड़ रुपये का अंतर होगा।
सरकार पर बढ़ा सबसिडी का बोझ
उद्योगों और कृषि क्षेत्र को सबसिडी पर दी जाने वाली बिजली की सबसिडी राशि का बोझ भी सरकार पर बढ़ेगा। इस साल की सब्सिडी राशि 9,674 करोड़ रुपये होगी। पंजाब सरकार पर बिजली सबसिडी का 14972 करोड़ रुपये बकाया था। सरकार द्वारा सबसिडी की रकम पावरकाम को अदा किए जाने के बाद अब भी 5297 करोड़ रुपये का बकाया शेष है। राज्य सरकार द्वारा अग्रिम दी जाने वाली मासिक सब्सिडी 1,268. 57 करोड़ है।
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