एपीजे अब्दुल कलाम के व्यक्तित्व को किसी एक दायरे में सिमित नहीं किया जा सकता है. जिंदगी ने जब उन्हें जिस भूमिका को निभाने का दायित्व सौंपा वह उसपर खड़े उतरे. वे देश के राष्ट्रपति रहे, एक महान विचारक रहे, लेखक रहे और वैज्ञानिक भी रहे. हर क्षेत्र में उनका अहम योगदान रहा. कलाम की ज़िंदगी का सार है ख्वाब देखिए, ख़्वाब पूरे जरूर होते हैं. चाहे परिस्थितियां कैसी भी रहे. ख़्वाब के बारे में उनका ख़ुद का कहना है ‘‘ख़्वाब वह नहीं होते जो हम सोते में देखते हैं, बल्कि ख़्वाब वह होते हैं जो हमें सोने ही न दें’’

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