बॉलीवुड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण मंगलवार को जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी पहुंचीं. दीपिका जब वहां पहुंची तो JNUSU के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार नारे लगा रहे थे. दीपिका ने मंच पर कोई स्पीच नहीं दी, बस छात्रों के समर्थन में अपनी हाजिरी लगाई. देश में चल रहे कई अहम प्रदर्शनों पर दीपिका ने आजतक से खुलकर बात की.

दीपिका से पूछा गया कि देश की कई अहम यूनिवर्सिटीज में CAA-NRC कानून के खिलाफ प्रदर्शन हो रहा है. क्या वह इस पर कुछ खास राय रखती हैं और आपका इस पर क्या नजरिया है? इस पर दीपिका ने कहा, ‘आई थिंक, सबसे पहले जो मुझे कहना था मैंने दो साल पहले ही कह दिया, जब पद्मावत रिलीज हो रही थी, उसी वक्त जो मैं महसूस कर रही थी तो मैंने इस पर तभी अपनी प्रतिक्रिया दे दी थी.
अब जो मैं देख रही हूं मुझे बहुत दर्द होता है.. दर्द इसलिए क्योंकि मुझे लगता है कि ये सब नॉर्मल नहीं हो सकता. कोई भी कुछ भी कह सकता है.. डर भी लगता है.. दुख भी होता है.. हमारे देश की जो नींव रखी गई थी वो तो नहीं थी.’
दीपिका पादुकोण ने अपनी छपाक पर खुलकर बात की. दीपिका ने बताया कि एक एसिड सर्वाइवर के लिए ये सब झेलना बहुत मुश्किल होता है. दीपिका ने इसके अलावा कहा कि हमारी फिल्म इंडस्ट्री में महिलाओं के लिए जो भी कुछ हो रहा है वो बहुत अच्छा है.
लक्ष्मी की कहानी मुझे बहुत प्रेरणा देती है. मेघना गुलजार की ये कहानी वाकई में बहुत अच्छी है. ये कहानी हम इसलिए नहीं बता रहे क्योंकि ये एक लड़की की कहानी है. ये हम इसलिए बता है क्योंकि ये एक बहादुर की कहानी है
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