नेपाल में जारी सियासी संकट के बीच प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली रविवार को नेशनल असेंबली को संबोधित करेंगे। अधिकारियों के अनुसार प्रधानमंत्री ओली अपने संबोधन में, देश के मौजूदा मुद्दों पर बात करेंगे। इस बीच काठमांडू स्थित उनके आवास पर कैबिनेट की आपातकालीन बैठक चल रही है। प्रधानमंत्री ओली के प्रेस सलाहकार सूर्य थापा का हवाला देते हुए, खबरहब ने बताया कि प्रधानमंत्री अपने संबोधन में देश के मौजूदा मुद्दों पर बात करेंगे।

बता दें कि नेपाल के राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी द्वारा 20 दिसंबर को प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की सिफारिश पर निचले सदन को भंग कर दिया था। इसके बाद से ही देश में राजनीतिक संकट बरकरार है। संसद को भंग करने के बाद, ओली ने 30 अप्रैल और 10 मई, 2021 को भी चुनाव प्रस्तावित किए।
68 वर्षीय ओली ने 20 दिसंबर के फैसले के पीछे अपनी सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के भीतर आंतरिक कलह और राजनीतिक एकता के अभाव का हवाला दिया है। उनके सहयोगियों और विपक्षी राजनीतिक दलों ने उन्हें कोरोना महामारी के बीच स्थिर सरकार को पटरी से उतारने के लि को जिम्मेदार ठहराया है। सात मंत्रियों ने उनके इस कदम के विरोध में सरकार छोड़ दिया और पिछले महीने प्रदर्शनकारियों ने उनका पुतला भी जलाया था।
इस फैसले के खिलाफ नेपाल के सुप्रीम कोर्ट में 13 रिट याचिका दायर की गई हैं। सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दायर याचिकाओं में, राजनेता, कार्यकर्ता और वकीलों ने सवाल किया है कि क्या तय समय से 18 महीने पहले संसद को भंग करने का पीएम के पास वैध अधिकार है? संवैधानिक वकील भीमार्जुन आचार्य के अनुसार यदि फैसला संसद को भग करने के पक्ष में आता है, तो फिर चुनाव होंगे, लेकिन इससे इस बात जोखिम बढ़ जाएगा कि निकट भविष्य में, सरकारें पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं करेंगी। प्रधानमंत्री इसे कभी भी भंग कर सकते हैं। पीएम ओली के इस कदम के बाद देश अस्थिरता में फंस गया है।
Shaurya Times | शौर्य टाइम्स Latest Hindi News Portal