मेजबान इंग्लैंड के खिलाफ 1-3 से पिछड़ रही टीम इंडिया के लिए सम्मान बचाने का आखिरी मौका है. शुक्रवार से शुरू हो रहे ओवल टेस्ट में भारतीय टीम अपनी कमियों को भुलाकर इंग्लिश टीम को पछाड़ने की भरसक कोशिश करेगी. पांचवें टेस्ट में 18 साल के पृथ्वी शॉ को डेब्यू कराया जा सकता है.
ऐसे में समझा जाता है कि सीरीज के आखिरी टेस्ट में प्रतिभाशाली बल्लेबाज पृथ्वी शॉ को पदार्पण का मौका मिल सकता है. अंडर-19 वर्ल्ड कप के विजता कप्तान पृथ्वी शॉ साउथम्प्टन में खेले गए चौथे टेस्ट मैच से पहले भारतीय दल से जुड़े हैं और नेट प्रैक्टिस कर रहे हैं.
पृथ्वी शानदार लय में हैं. उन्होंने लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है. शॉ ने इंडिया-ए के लिए पिछले चार फर्स्ट क्लास मुकाबलों में दो शतक जमाए हैं. जिसमें उनकी 188 रनों पारी भी शामिल है. वह प्रथम श्रेणी क्रिकेट में अब तक 14 मैच खेल चुके हैं. जिसमें उन्होंने 56.72 की दमदार औसत से 1418 रन बनाए हैं. उन्होंने 7 शतक व 5 अर्धशतक लगाए हैं.
पृथ्वी पहली बार नवंबर 2013 में सुर्खियों में तब आए थे, जब उन्होंने हैरिस शील्ड टूर्नामेंट में सेंट फ्रांसिस के खिलाफ रिजवी स्प्रिंगफील्ड की ओर से खेलते हुए 330 गेंदों में 546 रन बना डाले थे. उन्होंने इस पारी में 85 चौके तथा पांच छक्के लगाए थे.
माइनर क्रिकेट के रिकॉर्ड की बात करें, तो पृथ्वी शॉ की 546 रनों की पारी चौथी सर्वोच्च पारी है. भारत के ही प्रणव धनावड़े (1009*) सबसे ज्यादा रन बनाने वालों की सूची में टॉप पर हैं, जबकि ऑर्थर कॉलिंस (628*), चार्ल्स इडे (566) की पारियां क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं.
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