
गुवाहाटी। असम-मिजोरम सीमा विवाद को लेकर दोनों राज्यों की ओर से प्रतिदिन नये-नये दावे और बयानबाजी की जा रही है, जिसके चलते स्थिति गंभीर होती जा रही है। असम पुलिस द्वारा मिजोरम पुलिस के विरुद्ध दर्ज प्राथमिकी दर्ज किये जाने के बाद अब मिजोरम पुलिस ने असम के मुख्यमंत्री, छह पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों और 200 अन्य लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज किया है।
मिजोरम पुलिस ने सीमा विवाद के लिए मुख्यमंत्री को आरोपी बनाते हुए उनके खिलाफ हत्या के प्रयास और आक्रामकता का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज की है।
असम-मिजोरम सीमा पर असम के कछार जिला के लैलापुर में गत सोमवार को हुए संघर्ष में असम के छह पुलिसकर्मियों समेत सात लोगों के मारे जाने के बाद सीमा पर तनाव अभी कम नहीं हुआ है।
मिजोरम ने असम सरकार द्वारा राज्य के लोगों को मिजोरम न जाने की सलाह देने के एक दिन बाद प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
मिजोरम के वैरांग्टी पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर एच लालचाउइमावाई ने गत 26 जुलाई को सीमावर्ती इलाके में हुई घटना के संदर्भ में असम के मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्व सरमा, असम पुलिस महानिरीक्षक अनुराग अग्रवाल, पुलिस उपाधीक्षक डॉ ज्योति मुखर्जी, कछार जिला उपायुक्त कीर्ति जाली, कछार के पूर्व पुलिस अधीक्षक वैभव चंद्रकांत निंबालकर, वन अधिकारी सानिदेव चौधरी, धौलाई थाना प्रभारी सहाबुद्दीन और असम पुलिस के 200 अज्ञात पुलिस कर्मियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की है।
खबरों के मुताबिक, यह एफआईआर भारतीय दंड संहिता के तहत मिजोरम कंटेंट एंड प्रिवेंशन ऑफ कोरोना एक्ट 2020 के तहत दर्ज की गई है। इसमें आरोप लगाया गया है कि वह मिजोरम के वेरांग्टी जिले में दाखिल हुए थे।
मुख्यमंत्री व अन्य अधिकारियों को एक अगस्त को थाने में पेश होने को कहा गया है।
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