मानसिक रूप से कमजोर बच्चों को पागल कहने पर भड़के विशाल ददलानी

सिंगर और कंपोजर विशाल ददलानी का कहना है कि आमतौर पर लोग शारीरिक-मानसिक रूप से कमजोर बच्चों के साथ गलत तरीके से पेश आते हैं. उन्होंने कहा कि लोग उन्हें आसानी से पागल तक कह देते हैं, लेकिन इस रवैये में बदलाव लाने की जरूरत है. विशाल ने ‘6 पैक बैंड 2.0’ के नए संगीत वीडियो ‘पागल’ में काम किया है, जिसका हिस्सा इस तरह के छह बच्चे हैं. विशाल ने एक इंटरव्यू में कहा, “मैं वीडियो का हिस्सा बनकर सम्मानित महसूस कर रहा हूं.

विशाल ने कहा इस वीडियो के जरिए मुझे इन बच्चों के साथ घुलने-मिलने का मौका मिला. वे अनमोल हैं. उनमें एक ईमानदारी है और वे दिल से बात करते हैं.” उन्होंने कहा, “वे आपको अच्छा या बुरा महसूस कराने के लिए कुछ नहीं कहेंगे क्योंकि वे प्रभावित करना नहीं जानते. मुझे इस तरह के लोग पसंद है, वे अलग हैं, लेकिन अलग होने का मतलब असामान्य होना नहीं है.”बैंड ‘6 पैक बैंड 2.0’ में छह शारीरिक-मानसिक रूप से कमजोर बच्चे अनन्या, अंजली, मैत्रेया, पार्थ, प्रेरणा और रिशान हैं. ऐसे बच्चों के प्रति जागरुकता लाने के मकसद से यह वाई-फिल्म्स का पहल है. इस पहल के पीछे के मकसद के बारे में विशाल ने कहा कि इसका मकसद उन बच्चों को मुख्यधारा में लाना नहीं है, बल्कि मुख्यधारा को उनमें शामिल करना है. उन्होंने कहा कि कई बार ऐसा भी होता है कि कोई सामान्य शख्स भी अगर हटकर सोचता है तो लोग उसे पागल कह देते हैं.

यह कहना आसान है लेकिन अंतत: हम जानते हैं कि हम सिर्फ एक-दूसरे से अलग हैं. इस पहल को लाने के पीछे का विचार हर किसी की खूबी को समझना है. गायक ने कहा कि ये बच्चे हमारी तरह ही सामान्य हैं और अपने आप में हम सब अनोखे हैं. इसलिए हर किसी को बराबर मौका मिलना चाहिए.

Throwback to last Saturday. Seems like a lifetime ago.

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विशाल ने बैंड की एक सदस्य प्रेरणा का उदाहरण देते हुए कहा कि वह कई लोगों के मुकाबले काफी बेहतर संगीतकार है. वह किसी धुन की पहचान बस उसे सुनकर कर लेती है..वह इस असाधारण कौशल के साथ वह पैदा हुई है, तो अगर मैं उसे समझने की कोशिश नहीं करूं तो हम एक प्रतिभा को सामने लाने से चूक जाएंगे.

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