नई दिल्ली: ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह का मानना है कि भारत को दिन रात्रि टेस्ट मैच खेलने चाहिए और गुलाबी गेंद से होने वाले मैचों को लेकर अपनी आशंकाओं को खत्म कर देना चाहिए. भारत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इस साल के आखिर में एडिलेड में दिन रात्रि टेस्ट मैच खेलने से इन्कार कर दिया जिसके कारण कई पूर्व क्रिकेटरों ने उसकी आलोचना की. इनमें मार्क वॉ और इयान चैपल भी शामिल हैं.

हरभजन ने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि वे दिन रात्रि टेस्ट मैच क्यों नहीं खेलना चाहते हैं. यह दिलचस्प प्रारूप है और हमें इसे अपनाना चाहिए. मैं पूरी तरह से इसके पक्ष में हूं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे बताइये कि गुलाबी गेंद से खेलने को लेकर क्या आशंकाएं हैं. अगर आप खेलते हो तो सामंजस्य बिठा सकते हो. हो सकता है कि यह उतना मुश्किल न हो जितना माना जा रहा है.’’

प्रशासकों की समिति ( सीओए ) ने अगले 18 महीने तक दिन रात्रि टेस्ट मैच नहीं खेलने की भारतीय टीम की मांग स्वीकार कर ली है. सीओए प्रमुख विनोद राय ने गुरुवार को एक समारोह में कहा, ‘‘मेरा मानना है कि प्रत्येक टीम सीरीज जीतना चाहती है और यही वजह है कि हम अपनी टीम को सर्वश्रेष्ठ संभावित मौका देना चाहते हैं.’’ इस समारोह में हरभजन भी मौजूद थे.

हरभजन से पूछा गया कि भारतीय बल्लेबाजों को दूधिया रोशनी में जोश हेजलवुड और मिशेल स्टार्क का सामना करने में दिक्कत हो सकती है तो उन्होंने अपने अंदाज में सपाट जवाब दिया. उन्‍होंने कहा, ‘‘अगर आप आउट हो जाते हो तो क्या होगा? हमारे पास भी तेज गेंदबाज हैं जो उन्हें परेशानी में डाल सकते हैं. और हमें क्या लगता है कि हमारे बल्लेबाज ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाजों का सामना नहीं कर सकते हैं. यह एक चुनौती है और चुनौती स्वीकार करने में क्या नुकसान होने वाला है. जब हम टेस्ट क्रिकेट में नये थे तो केवल एसजी गेंद से गेंदबाजी करना जानते थे, लेकिन धीरे-धीरे कूकाबुरा और ड्यूक से गेंदबाजी करना सीखे.’’

हरभजन ने कहा, ‘‘क्या आप इंग्लैंड के खिलाफ उसकी सरजमीं पर बादल छाए होने पर खेलने की चुनौती स्वीकार नहीं करते. क्या यह चुनौती नहीं है? अगर हम यह चुनौती स्वीकार कर सकते हैं तो फिर गुलाबी गेंद से खेलने की चुनौती क्यों नहीं स्वीकार करते.’’ उन्होंने कहा, ‘‘जिंदगी सीखने की प्रक्रिया है और अगर हम नये प्रारूप को अपनाते हैं तो उसमें कोई नुकसान नहीं है.’’