सेम की फली के साथ ही पत्तियां भी तमाम रोगों से दिलाती हैं छुटकारा

-आयुर्वेदाचार्य ने कहा, मैग्नीशियम, आयरन के साथ ही तमाम पोषक तत्व होते हैं मौजूद

लखनऊ। तांबा, मैग्नीशियम, आयरन, जस्ता के साथ ही तमाम पोषक तत्वों से भरपुर सेम अनिद्रा की बीमारी से मुक्ति दिलाने के साथ ही हृदय, श्वसन, मस्तिष्क स्वस्थ रखने में भरपूर मदद करता है। सेम की फली के साथ ही इसकी पत्तियां भी बड़े काम की हैं, जिसमें विटामिन ए, प्रोटीन, आयरन आदि पोषक तत्त्व पाए जाते हैं। सेम की पत्तियों का सेवन करने से बुखार कम होता है। कीड़े-मकोड़े काट लें तो भी सेम की पत्तियों का रस लगाना फायदेमंद होता है।

इस संबंध में बीएचयू पंचकर्म विभाग के विभागाध्यक्ष डाक्टर जेपी सिंह ने बताया कि सेम में इसमें 73.56 प्रतिशत तांबा और 50.27 प्रतिशत जस्ता शामिल है। एक कप सेम में 4.6 मिलीग्राम आयरन, 15 9 मिलीग्राम मैग्नीशियम, 233 मिलीग्राम फॉस्फोरस, 15.7 9 ग्राम प्रोटीन और 78 मिलीग्राम कैल्शियम पाया जाता है।

उन्होंने हिन्दुस्थान समाचार से विशेष वार्ता में बताया कि सेम में पाया जाने वाला प्रोटीन न्यूरोट्रांसमीटर के कार्यों में सहायता करता है। हार्मोन जैसे सरेरोटोनिन और डोपामाइन को संयोजित करता है, जो हमें शांत करने में मदद करते हैं। ये ग्लूकोज को संतुलित करके चिड़चिड़ापन, मनोदशा और लालच को भी रोकता है.

आयुर्वेदाचार्य ने कहा कि इसमें पाए जाने वाले खनिज सेलेनियम, मैंगनीज और जस्ता आदि फेफड़े के विकार से पीड़ित लोगों की सहायता करते हैं। मैंगनीज ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करके फेफड़ों को ठीक करने में मदद करता है।

उन्होंने कहा कि इसमें मौजूद मैग्नीशियम की पर्याप्त मात्रा नींद, कम स्तर के कोर्टिसोल और मेलाटोनिन की उच्च सांद्रता को बढ़ाने में मदद करती है। इसके अलावा लोहा की उपस्थिति से सुस्ती, कम सक्रिय और थकावट आदि समस्याएं दूर होती हैं। इसमें पर्याप्त मात्रा में पोटेशियम भी होता है जो मांसपेशियों की ऐंठन को कम करके इनके ताकत में सुधार करता है।

पंचकर्म विभाग के विभागाध्यक्ष ने कहा कि इसमें पाए जाने वाले जिंक में एंटीऑक्सिडेंट और सूजन को कम करने वाले गुण मौजूद होते हैं। जिंक स्वस्थ कोशिका के विभाजन में सहायता करके कोशिकाओं के उत्परिवर्तन और ट्यूमर के विकास को रोकता है। सेम में विटामिन बी6, थाइमीन, पैंथोथेनिक एसिड और नियासिन पाए जाते हैं। इसमें बादाम के बराबर विटामिन-ई होता है। ये न्यूरो सिस्टम और ब्रेन संबंधी समस्यायों को ख़त्म करने का काम करता है।

जेपी सिंह ने कहा कि सेम में मौजूद फाइबर पाचन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ह्रदय के लिए आवश्यक कई तत्व इसमें पाए जाते हैं। एसिटाइलकोलाइन के उत्पादन के लिए विटामिन बी-1 महत्वपूर्ण है जो कि एक न्यूरोट्रांसमीटर है। ये तंत्रिकाओं से मांसपेशियों तक संदेश पहुंचाने का काम करता है। इसमें पाए जाने वाले विटामिन डी, कैल्शियम और फास्फोरस घनत्व, टुथ इनेमल का समर्थन करके हड्डी स्वास्थ्य को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

उन्होंने कहा कि सेम की पत्तियां भी कई समस्याओं से निजात दिलाती हैं। महिलाओं में पीरियड्स की अनियमितता होने पर सेम की पत्ती का सेवन लाभकारी होता है। एलर्जी होने पर भी सेम की पत्ती का रस लगाया जाता है। इसकी पत्तियों के सेवन से दुबलापन भी दूर होता है।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com