नई दिल्ली। टैरिफ को लेकर दुनिया की दो आर्थिक महाशक्तियों अमेरिका और चीन के बीच बढती तकरार तथा महत्वपूर्ण बाजारों में ऋण उपलब्धता की तंगी का हवाला देते हुए विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) ने मौजूदा वर्ष तथा अगले वर्ष के लिए वैश्विक व्यापार वृद्धि दर अनुमान घटा दिया है। डब्ल्यूटीओ ने वर्ष 2018 के लिए विश्व व्यापार विकास दर अनुमान घटाकर इसे 3.4 से 4.4 प्रतिशत के बीच रखा है। इससे पहले अप्रैल में जारी अनुमान में विकास दर अनुमान 3.1 से 5.5 प्रतिशत के बीच रखा गया था। व्यापार संगठन के महानिदेशक रॉबर्टो अजेवेदो के मुताबिक विकास दर अनुमान को घटाना दो बड़े व्यापार साझीदार देशों के बीच बढते तनाव का द्योतक है।
उन्होंने कहा कि अप्रैल में जारी अनुमान में जिन खतरों को चिह्नित किया गया था, वे आज दिखने लगे हैं। आर्थिक महाशक्तियों के निर्यात को लक्षित करने वाली आर्थिक नीतियों की बढोतरी इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। इन तरह के कदमों का प्रत्यक्ष प्रभाव अभी कम दिख रहा है लेकिन इनसे जो अनिश्चिततायें पैदा हो रही हैं , वे निवेश में कमी के रूप में अभी से दिख रही हैं। विकसित अर्थव्यवस्थाओं की सख्त होती मौद्रिक नीतियों ने विनिमय दर में उतार-चढाव को बढाने में योगदान दिया है और संभवत: आने वाले महीनों में भी इनका असर दिखता रहेगा। उन्होंने कहा कि सिर्फ आर्थिक नीतियों में बदलाव ही अनुमान पर नकारात्मक प्रभाव नहीं डालता है।
विकसित अर्थव्यवस्थाओं द्वारा ब्याज दर बढाने से व्यापार पर बुरा प्रभाव पड़ता है और विकासशील तथा उभरती अर्थव्यवस्थाओं को पूंजी निकासी और वित्तीय संकुचन का सामना करना पड़ सकता है। भूराजनैतिक तनाव से आपूर्ति को खतरा होता है और इससे कुछ खास क्षेत्रों में उत्पादन नेटवर्क प्रभावित होता है। अजेवेदो ने कहा कि ऐसी स्थिति में यह जरूरी है कि सरकारें अपने विवाद को सुलझायें और संयम से काम लें। डब्ल्यूटीओ इन प्रयासों को समर्थन देता रहेगा ।
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