अमेरिका के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ट्रंप प्रशासन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता के लिए भारत की दावेदारी को अपना समर्थन दोहराया. ट्रंप प्रशासन ने इस बात पर जोर दिया कि दोनों ‘वैश्विक साझेदार’ कोरियाई प्रायद्वीप के परमाणु निरस्त्रीकरण जैसी वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्धता साझा करते हैं.

ब्यूरो ऑफ साउथ एंड सेंट्रल एशिया रीजन की प्रधान उप सहायक मंत्री एलिस वेल्स ने कहा कि अमेरिका के राजनीतिक मामलों के अवर विदेश मंत्री डेविड हेल ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 73वें सत्र के दौरान भारत के विदेश सचिव विजय गोखले से मुलाकात की ताकि अमेरिका और भारत के बीच नई दिल्ली में हुई टू प्लस टू वार्ता पर प्रगति की जाए.
वेल्स ने शुक्रवार को कहा, ‘‘हम सचमुच वैश्विक साझेदार हैं और (हेल और गोखले के बीच) बैठक कोरिया प्रायद्वीप के परमाणु निरस्त्रीकरण से लेकर शांतिपूर्ण एवं समृद्ध अफगानिस्तान तक अंतरराष्ट्रीय चुनौतियों पर एक साथ मिलकर काम करने की साझा प्रतिबद्धता पर बल देती है.’’ अमेरिकी राजनयिक ने कहा कि अमेरिका संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की भूमिका के लिए अपने समर्थन को दोहराता है.
उन्होंने कहा, ‘‘वार्ता में इस पर चर्चा की गई कि हम अफगानिस्तान में कैसे एक साथ मिलकर काम कर सकते हैं, हम स्वतंत्र एवं मुक्त हिंद-प्रशांत क्षेत्र के प्रचार के लिए क्या कर रहे हैं और साथ ही कैसे दोनों देश लोकतांत्रिक घटनाक्रमों का समर्थन करते हैं जैसा कि हमने मालदीव में होते देखा.’’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मालदीव के निर्वाचित राष्ट्रपति इब्राहिम सोलिह को फोन कर मुबारकबाद दी.
अमेरिका ने भी मालदीव के लोगों को बधाई देते हुए कहा कि उन्होंने अपने देश का भविष्य तय करने के लिए शांतिपूर्वक अपनी आवाज उठाई. पिछले साल जून में मोदी की वाशिंगटन यात्रा के दौरान ट्रंप ने यूएनएससी और परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में स्थायी सदस्यता के लिए भारत की दावेदारी का समर्थन किया था.
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