
पाकिस्तान के डिपार्टमेंट ऑफ आर्कियोलॉजी ने इस बात के प्रति चिंता जताई है कि मोहनजोदड़ो का बेहतर संरक्षण और रखरखाव नहीं किया गया तो इसे यूनेस्को के विश्व धरोहर सूची से बाहर किया जा सकता है । इस बात की पुष्टि मीडिया रिपोर्ट्स द्वारा की गई है।
मोहनजोदड़ो के पुरातात्विक भग्नावशेष क्षेत्र में भारी पैमाने पर बारिश हुई है। 779.5 मिलीमीटर की बारिश के साथ अब इस क्षेत्र का संरक्षण और रख रखाव बहुत जरूरी हो गया है। भारी बारिश से इस ऐतिहासिक स्थल को नुकसान पहुचा है और कई दीवारें गिर गई हैं। डान अखबार के हवाले से यह ख़बर दी गई है।
मोहनजोदड़ो का मतलब है मुर्दों का टीला, दक्षिण एशिया में बसे इस शहर को सबसे पुराना शहर माना जाता है, इतने साल पहले बने इस शहर को इतने व्यवस्थित ढंग से बनाया गया है, कि जिसकी कल्पना भी हम नहीं कर सकते है। पाकिस्तान के सिंध में 2600 BC के आस पास इसका निर्माण हुआ था। खुदाई के दौरान इस शहर के बारे में लोगों को जानकारी हुइ, इसमें बड़ी बड़ी इमारतें, जल कुंड, मजबूत दिवार वाले घर, सुंदर चित्रकारी, मिट्टी व धातु के बर्तन, मुद्राएँ, मूर्तियाँ, ईट, तराशे हुए पत्थर और भी बहुत सी चीजें मिली। जिससे ये पता चलता है कि यहाँ एक व्यवस्थित शहर बना हुआ था, जैसे हम आज रहते है वैसे ही वे लोग भी घरों में रहते थे, खेती किया करते थे। मिटटी के नीचे दबे इस रहस्य को जानने के बहुत से लोग उत्साहित है, इस पर कई बार खुदाई का काम शुरू हुआ और बंद हुआ है। कहा जाये तो अभी सिर्फ एक तिहाई भाग की ही खुदाई हुई है। ये शहर 200 हैक्टेयर क्षेत्र में बसा हुआ है। इस प्राचीन सभ्यता के लिए पाकिस्तान को एक नेशनल आइकॉन माना जाता है।
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