यहां के निवासियों के मुताबिक, सुरक्षा बल प्रतीत होने वाले अधिकारी रात में मास्क पहनकर आते हैं. उनके कार में लाइसेंस प्लेट नहीं होता है. वह दरवाजों पर दस्तक देते हैं और घरों में घुस आते हैं. प्रभावित परिवारों ने दावा किया है कि जिन 14 युवकों को 8 मई को गिरफ्तार किया गया था, वह अब भी लापता हैं.