लखनऊ (सं)। उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन में कार्यरत कर्मचारियों को 7 प्रतिशत वार्षिक वेतन वृद्घि देय होने के बावजूद भी बीते नौ साल पुराने वेतन पर ही काम करना पड़ रहा है। जबकि इस अवधि महंगाई 62 से 70 प्रतिशत तक बढ़ गयी है। यह कहना है उत्तर प्रदेश आजीविका मिशन कर्मचारी यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष योगेश मोघा का। योगेश सोमवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भर्ती के समय जिन सुविधाओं को देने की बात कहीं गयी थी। वह आज तक लागू नहीं की गयी हैं। इतना ही नहीं यूपीएसआरएलएम में 10160 कर्मी होने चाहिए, लेकिन सिर्फ 35 सौ कर्मचारियों से काम लिया जा रहा है। एक-एक कर्मचारी पर कई-कई जिम्मेदारियां दी गयी हैं।
उन्होंने बताया कि कार्य भ्रमण के दौरान दर्जनों कर्मचारी सड़क हादसों के शिकार हुए, लेकिन विभाग की तरफ से उनके परिवार को कोई मुआवजा नहीं दिया गया। उन्होंने बताया कि एक तो कर्मचारियों को दूर दराज गांवों में तैनाती के साथ अल्प वेतन भोगी है। ऊपर से 19वीं शासी निकाय की बैठक में स्थानान्तरण पर भी रोक लगा दी गयी है। वार्ता में मौजूद उपाध्यक्ष सुनील कुमार, प्रतिभा सिंह, और सचिव कुलदीप सिंह ने संयुक्त रूप से बताया कि मिशन संगठन ने लखनऊ में मिशन निदेशक से कई दौर की मुलाकात की, पर महज आश्वासन मिला। उन्होंने बताया कि बीते 30 नवम्बर से ईको गार्डेन में प्रदेश भर से आये कर्मचारी धरना प्रदर्शन कर रहे हैं पर उनकी आवाज सुनने वाला कोई नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर उनकी मांग नहीं मानी गयी तो सड़क पर उतर कर आंदोलन करेंगे।
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