पटना। बिहार की राजधानी पटना के कंगन घाट पर लोकगायिका पद्मश्री और पद्मविभूषण से सम्मानित शारदा सिन्हा की आकृति उकेरी गई।
दरअसल, बिहार की स्वर कोकिला के नाम से मशहूर शारदा सिन्हा का मंगलवार की रात (5 नवंबर) को निधन हो गया था। छठ महापर्व के दिन गुरुवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनको आखिरी विदाई दी गई। शारदा सिन्हा को श्रद्धांजलि देते हुए पटना के कंगन घाट पर उनकी तस्वीर उकेरी गई।
कंगन घाट छठ पूजा समिति के अध्यक्ष प्रदीप काश ने आईएएनएस को बताया कि आस्था का प्रतीक माना जाने वाला महापर्व छठ बिहार के साथ-साथ पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। बिहार कोकिला शारदा सिन्हा के गीत आज भी घर-घर में गूंजते हैं। अगर छठ के समय उनके गाए गीत नहीं बजते हैं, तो पता ही नहीं चलता है कि छठ का पर्व मनाया जा रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि जब शारदा सिन्हा का निधन हुआ तो हम लोगों को बहुत कष्ट हुआ और सोचा कि हम उनके लिए क्या कर सकते हैं? इसी सिलसिले में हम लोगों ने सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र से संपर्क किया। घाट पर श्रद्धांजलि देते हुए उनकी आकृति को उकेरा गया।
भगवान भास्कर में शारदा सिन्हा के समाहित हुए एक सैंट आर्ट बनाया गया है, जो ये संदेश देता है कि वो भगवान भास्कर के प्रति समर्पित थीं और उन्हीं में वो समाहित हो गईं।
बिहार के चंपारण के रहने वाले सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र ने बताया कि लोकगायिका शारदा सिन्हा को श्रद्धांजलि देने के क्रम में पटना के कंगन घाट पर उनकी कलाकृति उकेरी गई। महापर्व छठ के अवसर पर पूरे दुनिया में इनके गीत को सुना जाता है। एक कलाकार होने के नाते हमने उनको भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी।
बता दें कि मशहूर लोकगायिका शारदा सिन्हा का मंगलवार रात (5 नवंबर) को दिल्ली एम्स में इलाज के दौरान निधन हो गया। उनके द्वारा छठ महापर्व को लेकर गाए गए गीत बहुत प्रचलित हैं। गुरुवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनको अंतिम विदाई दी गई।
Shaurya Times | शौर्य टाइम्स Latest Hindi News Portal