खुल सकती है अलीगढ़ के ताले और यहां के लोगों की किस्मत

लखनऊ। चीन और अमेरिका के बीच चल रहे टैरिफ युद्ध ने अलीगढ़ के ताला उद्योग के लिए सुनहरा अवसर पैदा किया है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दूरदर्शी नीतियों और स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा देने के प्रयासों ने इस अवसर को और मजबूत किया है। अलीगढ़, जो पहले से ही ताला उद्योग का केंद्र है, अब वैश्विक बाजार में अपनी स्थिति को और सुदृढ़ करने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है।

वैश्विक ताला निर्यात में भारत की मजबूत स्थिति

वोल्ज़ा के निर्यात डेटा के अनुसार, भारत, चीन और वियतनाम ताले और हार्डवेयर के प्रमुख निर्यातक देश हैं। 17 अप्रैल 2025 तक के आंकड़ों के अनुसार, भारत 40,664 शिपमेंट के साथ ताला हार्डवेयर निर्यात में विश्व में शीर्ष पर है। इसके बाद चीन (30,289 शिपमेंट) और वियतनाम (4,836 शिपमेंट) का स्थान है। अक्टूबर 2023 से सितंबर 2024 तक भारत ने 3,578 शिपमेंट निर्यात किए, जो पिछले वर्ष की तुलना में 10% की वृद्धि दर्शाता है। भारत से ताले मुख्य रूप से यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया को निर्यात किए जाते हैं।

अमेरिका-चीन टैरिफ युद्ध बना अलीगढ़ के लिए अवसर

चीन हर साल अमेरिका को 1.19 अरब डॉलर के ताले निर्यात करता है, जिसमें उसकी हिस्सेदारी 66% है। हालांकि, अमेरिका द्वारा चीनी उत्पादों पर 245% का टैरिफ लगाए जाने से चीनी उत्पाद महंगे हो गए हैं। यह स्थिति अलीगढ़ के ताला उद्योग के लिए अमेरिकी बाजार का बड़ा हिस्सा हासिल करने का मौका लेकर आई है। योगी सरकार ने इस अवसर को भुनाने के लिए पहले से ही कई कदम उठाए हैं। वर्ष 2018 में अलीगढ़ के हार्डवेयर को एक जिला एक उत्पाद (ODOP) योजना के तहत शामिल किया गया, जिसके तहत उद्यमियों को रियायतें और प्रोत्साहन प्रदान किए जा रहे हैं।

अलीगढ़ की प्रमुख ताला कंपनी लिंक लॉक्स ने इस दिशा में 100 करोड़ रुपये का नया निवेश किया है। यह निवेश न केवल ताला उद्योग को बल्कि इससे जुड़े सभी हितधारकों को लाभ पहुंचाएगा। योगी सरकार की नीतियों ने उद्यमियों का आत्मविश्वास बढ़ाया है, जिससे अलीगढ़ वैश्विक ताला बाजार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए तैयार है।

रोजमर्रा के उत्पादों में भी यूपी की संभावनाएं

चीन और अमेरिका के बीच टैरिफ युद्ध का लाभ केवल ताला उद्योग तक सीमित नहीं है। उत्तर प्रदेश के लिए यह अन्य घरेलू उत्पादों के निर्यात में भी बड़ा अवसर लेकर आया है। अमेरिका चीन से किचनवेयर, टेबलवेयर, प्लास्टिक आइटम, लैंप, हेयर क्लिपर और पटाखे जैसे उत्पादों का आयात करता है, जिनका कुल वार्षिक निर्यात 148 अरब डॉलर है। इसमें चीन की हिस्सेदारी 72% और भारत की 2.9% है। उत्तर प्रदेश, जहां MSME इकाइयों की संख्या सर्वाधिक है, इस कमी को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। योगी सरकार की ODOP योजना ने इन उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए एक मजबूत मंच प्रदान किया है। इस योजना के तहत स्थानीय कारीगरों और छोटे उद्यमियों को तकनीकी सहायता, वित्तीय सहयोग और बाजार तक पहुंच प्रदान की जा रही है। इससे न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल्कि वैश्विक स्तर पर ब्रांड यूपी को मजबूती मिल रही है।

अलीगढ़ के लिए अतिरिक्त लाभ है डिफेंस कॉरिडोर

उत्तर प्रदेश में बन रहे डिफेंस कॉरिडोर ने अलीगढ़ के लिए नई संभावनाएं खोली हैं। इस कॉरिडोर के छह नोड्स में अलीगढ़ के साथ लखनऊ, कानपुर, झांसी, चित्रकूट और आगरा शामिल हैं। योगी सरकार ने अलीगढ़ के डिफेंस कॉरिडोर को 122 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया है, जिसमें अब तक 3,300 करोड़ रुपये का निवेश आ चुका है। यह निवेश अलीगढ़ के औद्योगिक विकास के लिए सोने पर सुहागा साबित हो रहा है। डिफेंस कॉरिडोर न केवल रक्षा क्षेत्र में रोजगार और निवेश ला रहा है, बल्कि यह स्थानीय उद्योगों, विशेष रूप से हार्डवेयर और ताला उद्योग, को तकनीकी उन्नति और वैश्विक मानकों तक पहुंचने में भी मदद कर रहा है।

तालों का वैश्विक हब बनने की ओर अलीगढ़

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश को औद्योगिक और निर्यात हब बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। निर्यात संवर्धन नीति के तहत सरकार ने वैश्विक स्तर पर ब्रांड यूपी को मजबूत करने और निर्यात बढ़ाने की योजना बनाई है। ODOP योजना, डिफेंस कॉरिडोर और MSME इकाइयों को प्रोत्साहन जैसे कदमों ने स्थानीय उद्यमियों को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। अलीगढ़ के ताला उद्योग और अन्य स्थानीय उत्पादों को वैश्विक बाजार में स्थापित करने के लिए योगी सरकार ने बुनियादी ढांचे, वित्तीय सहायता और तकनीकी नवाचार पर विशेष ध्यान दिया है। इन प्रयासों का परिणाम है कि आज अलीगढ़ न केवल भारत का, बल्कि विश्व का ताला उद्योग केंद्र बनने की ओर अग्रसर है।

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