अमृतसर/राजौरी। भारत आए पाकिस्तानी नागरिकों के अपने देश वापस लौटने का सिलसिला जारी है। पाकिस्तान के सिंध से भारत आए हिंदू परिवार ने वहां (पाकिस्तान) के हालातों को हिंदू परिवारों के लिए सही नहीं बताया है। उन्होंने कहा कि सिंध में माहौल ठीक नहीं है, जिसके चलते हिंदू परिवार भारत में आकर रहना चाहते हैं।
सिंध से आईं एक हिंदू महिला कांता ने आईएएनएस से बातचीत में बताया कि वह भारत में डेढ़ महीने के वीजा पर अपनी बेटी के घर आई थीं। पहले वह इंदौर रहीं और उसके बाद पुणे चली गईं। मेरी बेटी की डिलीवरी होने वाली थी, जिस वजह से भारत आना पड़ा था।
कांता ने पहलगाम आतंकी हमले को दर्दनाक बताया। उन्होंने कहा कि पहलगाम की घटना दर्दनाक थी और इसे देखकर मैं बहुत रोई थीं। मैं उम्मीद करती हूं कि जिन्होंने इस घटना को अंजाम दिया है, उनके खिलाफ कड़ा कदम उठाया जाएगा। मैं यही चाहती हूं कि हमारे परिवार को भारत में रहने की जगह दी जाए, क्योंकि सिंध में माहौल ठीक नहीं है।
भारत और पाकिस्तान के बीच बिगड़ते हालातों के कारण जम्मू-कश्मीर के राजौरी में पिछले 43 सालों से रह रहीं दो सगी बहनों को अपने वतन वापस लौटना पड़ेगा।
दरअसल, दोनों बहनों की 43 साल पहले राजौरी में अपने चचेरे भाइयों के साथ शादी हुई थी। उन्होंने यहीं अपना परिवार बनाया, बच्चों की परवरिश की और स्थानीय समाज का हिस्सा बन गईं। हालांकि, भारत सरकार के पाकिस्तानी नागरिकों के वापस लौटने के आदेश के बाद पूरे परिवार में चिंता का माहौल है।
परिवार ने प्रशासन से मानवीय आधार पर हस्तक्षेप की अपील की है। परिवार के एक सदस्य ने बताया कि महिला को अब चलने में काफी दिक्कतें होती हैं और ऐसे में उनके पाकिस्तान वापस जाने से सभी लोग चिंतित हैं।
महिला के पति ने बताया कि मेरी पत्नी के माता-पिता पहले यही रहते थे, लेकिन बाद में वह पाकिस्तान जाकर बस गए। हालांकि, मेरे ससुर के निधन के बाद परिवार के सभी लोग 43 साल पहले यहां आ गए थे। मैं बताना चाहता हूं कि अब पाकिस्तान में मेरी पत्नी का कोई रिश्तेदार नहीं रहता है। मैं सरकार से अपील करता हूं कि जो भी लोग यहां रह रहे हैं, उन्हें भारत रुकने की इजाजत दी जाए। मेरी पत्नी और उनकी बहन की उम्र भी काफी हो गई है और पाकिस्तान में उनका कोई सहारा नहीं है, इसलिए हमारी अपील पर ध्यान दिया जाए।