टैक्स फ्री की मांग को लेकर जयंत पाटिल ने अपने पत्र में कहा कि 25 अप्रैल को निर्देशक अनंत महादेवन की फिल्म ‘फुले’ सिनेमाघरों में रिलीज हुई, जिसे दर्शक पसंद कर रहे हैं। हमारी मांग है कि इस फिल्म को टैक्स फ्री किया जाए ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसे देख सकें।
महाराष्ट्र सीएम को सौंपे गए पत्र में उन्होंने लिखा, “सर, महात्मा फुले और सावित्रीबाई का इतिहास दलितों के लिए पानी की टंकी खोलने, शिक्षा के लिए दरवाजे खोलने, महिला शिक्षा के लिए कदम उठाने तक ही सीमित नहीं है। इससे भी अधिक बड़ा काम उन्होंने किया है। उनके काम का प्रभाव इतना जबरदस्त है कि जैसे 19वीं सदी में उनके काम का विरोध हुआ, वैसे ही 21वीं सदी में उनकी फिल्म का भी विरोध देखने को मिला। परिणामस्वरूप सेंसर बोर्ड ने फिल्म के करीब 12 सीन काट दिए। इंसानियत और उसके अधिकार दिलाने की लड़ाई लड़ने वाले जोड़े की इस संघर्ष यात्रा को हर किसी को देखना चाहिए। उनके बारे में गलत सूचना फैलाने के लिए जिम्मेदार लोगों को भी यह फिल्म दिखानी चाहिए। इससे गलतफहमियां दूर होंगी।
उन्होंने आगे लिखा, इस फिल्म के जरिए हमें समाज के उत्थान के लिए किए गए आंदोलन का जीवंत इतिहास देखने को मिलेगा। मेरा सरकार से अनुरोध है कि ‘फुले’ को टैक्स फ्री कर अधिक लोगों तक पहुंचाने का प्रयास करें। परिवर्तनकारी, प्रगतिशील महाराष्ट्र बनाने वाले महान व्यक्तित्वों का सम्मान किया जाना चाहिए। हमारे गौरवशाली इतिहास की छाप हर किसी के मन पर अंकित होनी चाहिए।”
बता दें, महाराष्ट्र से पहले बिहार, राजस्थान समेत अन्य राज्यों में भी ‘फुले’ को टैक्स फ्री करने की मांग की गई है। राष्ट्रीय लोक जनता दल के जिला अध्यक्ष रमेश कुशवाहा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से फिल्म को टैक्स फ्री के लिए पत्र सौंपा। वहीं, ओबीसी ट्रस्ट ने राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा को पत्र लिखकर टैक्स फ्री करने की बात कही।
‘फुले’ सामाजिक कार्यकर्ता ज्योतिराव गोविंदराव फुले और उनकी पत्नी सावित्रीबाई फुले के जीवन पर आधारित है, जिन्होंने जातिगत भेदभाव के खिलाफ और महिलाओं के शिक्षा के अधिकार के लिए लड़ाई लड़ी थी। फिल्म में अभिनेता प्रतीक गांधी ने महात्मा फुले की भूमिका निभाई है। वहीं, पत्रलेखा सावित्रीबाई फुले की भूमिका में हैं।