पहले अमेरिकी पोप लियो चौदहवें ने संभाली कमान, दिया एकता का संदेश

वेटिकन सिटी : इतिहास में पहली बार अमेरिका से चुने गए पोप, पोप लियो चौदहवें ने रविवार को अपने आधिकारिक पोंटिफिकेट (पोप पद) की शुरुआत की। उन्होंने कैथोलिक चर्च और दुनिया में व्याप्त ध्रुवीकरण को खत्म करने और एकता को बढ़ावा देने का संकल्प लिया। यह संदेश उन्होंने संत पेत्रुस स्क्वायर में आयोजित एक भव्य उद्घाटन समारोह में दिया, जहां लगभग 2 लाख श्रद्धालु, राष्ट्राध्यक्ष, धार्मिक नेता और शाही प्रतिनिधि मौजूद रहे।

69 वर्षीय अगस्टिनियन मिशनरी पोप लियो चौदहवें ने अपने पहले पोपमोबाइल यात्रा के दौरान भीड़ का अभिवादन किया, बच्चों को आशीर्वाद दिया और अमेरिकी, पेरूवियन समेत कई देशों के झंडे लहराते श्रद्धालुओं का अभिनंदन किया।

कार्यक्रम के दौरान उस समय एक भावुक क्षण आया जब पोप को पोप पद की दो महत्वपूर्ण धार्मिक वस्तुएं ‘भेड़ की ऊन से बनी स्टोल’ (कंधे की पट्टी) और ‘फिशरमैन रिंग’ (मछुआरे की अंगूठी) सौंपी गईं। अंगूठी पहनने के बाद उन्होंने कुछ क्षणों तक उसे देखा और फिर अपने हाथ जोड़कर प्रार्थना की, जैसे कि उन्हें उस विशाल जिम्मेदारी का एहसास हुआ हो जो 1.4 अरब कैथोलिकों का नेतृत्व करने से जुड़ी है।

इस अवसर पर अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। वेंस ने शनिवार देर रात रोम पहुंचने के बाद स्वर्गीय पोप फ्रांसिस की समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित की। वेंस, पोप फ्रांसिस से मिलने वाले अंतिम विदेशी गणमान्य व्यक्तियों में से एक थे।

पोप लियो चौदहवें का यह उद्घाटन संदेश ऐसे समय में आया है जब कैथोलिक चर्च कई सामाजिक, राजनीतिक और धार्मिक मुद्दों को लेकर अंदरूनी मतभेदों से जूझ रहा है। उन्होंने अपने पहले भाषण में इन चुनौतियों को स्वीकारते हुए चर्च को एकजुट रखने और हर मत को सम्मान देने की अपील की।

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