हैदराबाद : पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने रविवार को हैदराबाद के शिल्पा कलावेदिका में हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय की आत्मकथा ‘प्रजालकथे ना आत्मकथा’ का विमोचन किया। इस पुस्तक में दत्तात्रेय ने अपने 70 साल के जीवन और राजनीतिक घटनाओं का
जिक्र किया है।
इस अवसर पर राज्यपाल दत्तात्रेय ने कहा कि आज वे मनोहर शिंदे की वजह से इस मुकाम पर हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मेरा जीवन, मेरी आत्मा, मेरा सबकुछ है। पूर्व सिक्किम के राज्यपाल दिवंगत वी रामा राव मुझे राजनीति में लेकर आए और मेरा मार्गदर्शन किया। राजनीति करियर या व्यवसाय के लिए नहीं है। यह समाज के लिए है। हमें समाज के लिए काम करना चाहिए। हमें गरीबों के विकास के लिए काम करना चाहिए।
पुस्तक विमोचन के अवसर पर तेलंगाना के राज्यपाल जिष्णु देव वर्मा ने कहा कि यह पुस्तक व्यक्तिगत यात्रा नहीं है, बल्कि पिछले 60 वर्षों में भारत में हुए राजनीतिक और सामाजिक परिवर्तनों का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि देश दत्तात्रेय के माता-पिता का आभारी है कि उन्होंने उन्हें ऐसा व्यक्ति दिया। उन्होंने कहा, “दत्तात्रेय… ने वाजपेयी और आडवाणी जैसी हस्तियों के साथ काम किया। उन्होंने जिस भी पद पर काम किया, गरीबों के लाभ के लिए विशेष प्रयास किए। उनके द्वारा संचालित सांस्कृतिक कार्यक्रम अलय बलय के माध्यम से वे सभी को एक छत के नीचे ला रहे हैं। उनका जीवन इस बात का प्रमाण है कि सत्ता केवल प्रतिष्ठा और नाम के लिए नहीं होती… बल्कि सेवा के लिए होती है।”
कार्यक्रम में पूर्व उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि राजनीति में नैतिकता और ईमानदारी का उतना ही महत्व है, जितना विचारधारा का। उन्होंने कहा कि राजनीति में कैसे जीना है, यह दत्तात्रेय से सीखना चाहिए। उन्होंने कहा, “राजनीतिक आलोचना तीखी और सार्थक होनी चाहिए, लेकिन कुछ नेता अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं। जो लोग अभद्र भाषा बोलते हैं, उन्हें मतदान केंद्र पर जवाब देना चाहिए। कोई कितना भी ऊंचा पद क्यों न ले जाए, उसे संस्कारवान होना चाहिए। विचारधाराओं का तार्किक दृष्टिकोण से पालन करना चाहिए। वैचारिक राजनीतिक मूल्य देश के लिए अच्छे हैं। भारत और अधिक शक्तिशाली बन रहा है। शक्ति की यह गति इसी तरह बनी रहनी चाहिए। देशभक्ति तब होती है, जब कोई अपना काम ठीक से करता है।”
समाराेह में तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने कहा कि बंडारू दत्तात्रेय के प्रति सम्मान कभी कम नहीं होगा, चाहे वह किसी भी पद पर हों और हर कोई उनका सम्मान करता है, चाहे वह किसी भी पार्टी से क्यों न जुड़ा हो। उन्होंने कहा कि राजनीति में कई उतार-चढ़ाव का सामना करने के बावजूद दत्तात्रेय कभी पीछे नहीं हटे। वह हैदराबाद के पुराने शहर गौलीगुड़ा गलियारों से हरियाणा के राज्यपाल पद तक पहुंचे। आम लोगों से उनका अच्छा जुड़ाव है। वह गरीबों द्वारा आयोजित छोटे-मोटे समारोहों का हिस्सा बनते रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि दत्तात्रेय और किशन रेड्डी परिवारों से मेरे बहुत करीबी संबंध हैं। मैंने अपनी स्कूली शिक्षा भाजपा में और कॉलेज की पढ़ाई टीडीपी में की। मैंने हाल ही में प्रधानमंत्री से कहा कि मैं राहुल गांधी के लिए काम कर रहा हूं। मैं अपने करीबी संबंधों को कभी नहीं छिपाता। भले ही कैबिनेट विस्तार आज हुआ हो, लेकिन कार्यक्रम खत्म होते ही मैं दत्तात्रेय के लिए यहां आ गया। उन्होंने कहा कि वाजपेयी को राष्ट्रीय राजनीति में जो सम्मान प्राप्त है, वही सम्मान दत्तात्रेय को राज्य स्तर पर प्राप्त है। जो लोग राजनीति में नए हैं, उन्हें उनकी शैली और नीतियों से सीखना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश एन वी रमन ने कहा कि ‘जनता की कहानी– मेरी आत्मकथा’ पुस्तक के लिए राज्यपाल को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि इस पुस्तक का शीर्षक ही बता रहा है कि यह जीवन का विवरण मात्र नहीं बल्कि जनसाधारण से जुड़ने और उनके लिए जुझने का अनुभव है। यह पुस्तक केवल साहित्य नहीं प्रेरणा स्राेत है जिससे राजनीतिक और सामाजिक जीवन के रास्ते पर चलने का बेहतर मार्ग प्रशस्त होगा।
इस कार्यक्रम में केन्द्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी, न्यायमूर्ति अब्दुल नजीर, कंभमपति हरिबाबू और इंद्रसेन रेड्डी के अलावा तेलंगाना के राज्य मंत्री पोन्नम प्रभाकर, कोमाटिरेड्डी वेंकट रेड्डी, भाजपा सांसद लक्ष्मण, कांग्रेस नेता के. केशव राव, वी. हनुमंत राव और अन्य लोग भी उपस्थित रहे।पुस्तक विमोचन के बाद उसकी प्रतियां पूर्व उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और सेवानिवृत्त सीजेआई न्यायमूर्ति एनवी रमना को सौंपी गईं। दत्तात्रेय ने इस पुस्तक में 70 वर्ष के जीवन काल को शामिल किया है।