लखनऊ। उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानों को मजबूत आधार देने की दिशा में योगी सरकार ने एक नई मिसाल कायम की है। प्रदेश में अभिजनक बीज नर्सरी की संख्या लगभग दोगुनी हो गई है। वर्ष 2016-17 में जहां केवल 150 बीज नर्सरियों का संचालन हो रहा था, वहीं 2024-25 में यह संख्या बढ़कर 267 तक पहुंच गई है। यह वृद्धि प्रदेश की चीनी मिलों के प्रक्षेत्र का प्रभावी उपयोग कर संभव हुई है।
इतना ही नहीं, वर्ष 2024-25 में प्रदेश में 4.4 करोड़ नवीन किस्मों के सिंगल बड का वितरण किया गया है, जो कि देश में किसी भी शोध संस्था द्वारा उत्पादित बीजों की तुलना में सर्वाधिक है। इस वितरण से गन्ना उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है। बीज उत्पादन और वितरण में इस प्रगति ने उत्तर प्रदेश को गन्ना उत्पादन के क्षेत्र में अग्रणी बना दिया है।
वैज्ञानिक निरीक्षण और त्रिस्तरीय प्रमाणन प्रक्रिया
बीजों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए त्रिस्तरीय बीज उत्पादन कार्यक्रम के अंतर्गत अभिजनक बीजों (Breeder Seed) का प्रमाणन वैज्ञानिक टीम द्वारा किया जाता है। बीज उत्पादकता के निरीक्षण का विस्तृत शेड्यूल निर्धारित किया गया है। इसके अनुसार, बुवाई के समय, अंकुरण के बाद (45-60 दिन), टिल्लरिंग अवस्था में (100-120 दिन), मिल योग्य गन्ने के निर्माण की अवस्था में (180-200 दिन) और कटाई से 15-20 दिन पूर्व निरीक्षण किया जाता है। इस वैज्ञानिक और व्यवस्थित प्रक्रिया के चलते किसानों को प्रमाणित, गुणवत्तायुक्त बीज उपलब्ध हो रहे हैं, जिससे उत्पादन क्षमता में निरंतर सुधार हो रहा है।
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