बांदा : बांदा, जिले के थाना कोतवाली देहात और एसओजी की संयुक्त टीम ने सोमवार देर रात बड़ी कार्रवाई करते हुए ज़हरखुरानी गिरोह के चार शातिर अपराधियों को गिरफ्तार किया। मुठभेड़ के दौरान एक अभियुक्त अखिलेश सिंह के पैर में गोली लग गई, जिसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उसकी हालत अब स्थिर बताई जा रही है।
अपर पुलिस अधीक्षक शिवराज ने जानकारी दी कि पुलिस टीम शांति व्यवस्था बनाए रखने और वांछित अपराधियों की तलाश में क्षेत्र में गश्त कर रही थी। इस दौरान ग्राम चहितारा के पास जंगल की ओर से एक ई-रिक्शा पर संदिग्ध व्यक्ति आते दिखाई दिए। पुलिस को देखकर वे भागने लगे, लेकिन तीन अभियुक्तों को घेराबंदी कर दबोच लिया गया। पूछताछ में उन्होंने ई-रिक्शा चोरी की बात कबूली और बताया कि उनका एक साथी अखिलेश सिंह थोड़ी दूरी पर एक और चोरी किया गया रिक्शा लेकर खड़ा है।
जब पुलिस टीम ने अखिलेश को पकड़ने की कोशिश की तो उसने टीम पर जानलेवा फायरिंग कर दी। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में उसके पैर में गोली लगी और उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस जांच में सामने आया कि गिरोह के सदस्य रात्रि में सवारी बनकर ई-रिक्शा में बैठते थे और चालकों को कोल्डड्रिंक या नशा मिला पेय पदार्थ पिलाकर बेहोश कर देते थे। इसके बाद वे रिक्शा, बैटरी और नकदी लेकर फरार हो जाते थे।
15 जून को अतर्रा, 8 जून को कोतवाली नगर और 28 मई को कोतवाली देहात क्षेत्र में इसी तरह की वारदातें कर चुके हैं। इन मामलों में संबंधित थानों पर मुकदमे पहले से दर्ज हैं।
गिरफ्तार अभियुक्तों के कब्जे से
चोरी किए गए 2 ई-रिक्शा,7 ई-रिक्शा बैटरी,1 मोटर,1 अवैध तमंचा,2 ज़िंदा व 2 खोखा कारतूस और 38,900 नगद (चोरी व बैटरियों की बिक्री से अर्जित) किया गया बरामद किया गया।गिरफ्तार अभियुक्तों में अखिलेश सिंह पुत्र राम सिंह (मुठभेड़ में घायल), रिंकू सिंह पुत्र पृथ्वीपाल सिंह और राकेश सिंह पुत्र स्व. राम सिंह, निवासीगण पिस्टा, थाना बिसंडा जबकि उमेश कुमार वर्मा पुत्र कोदा प्रसाद, मूसानगर, थाना अतर्रा का रहने वाला है।
अखिलेश सिंह एक कुख्यात अपराधी है जिस पर हत्या, चोरी और मादक पदार्थों की तस्करी समेत करीब डेढ़ दर्जन मामले दर्ज हैं। वह हत्या के एक मामले में आजीवन कारावास की सजा पा चुका है और फिलहाल जमानत पर बाहर था। गिरफ्तार करने वाली टीम में अनूप कुमार दूबे, प्रभारी निरीक्षक, कोतवाली देहात और कृष्णदेव त्रिपाठी, प्रभारी एसओजी
साथ में उनकी टीमों ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया।