लखीमपुर खीरी ने रचा जल संरक्षण का इतिहास

लखनऊ/लखीमपुर खीरी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में जल संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। लखीमपुर खीरी जिले ने ‘हर गांव तालाब’ अभियान के तहत महज एक महीने (15 मई से 15 जून) में 1030 सामुदायिक तालाबों का निर्माण कर जल संरक्षण के क्षेत्र में नया इतिहास रचा है। इस अभूतपूर्व उपलब्धि को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया है, जो योगी सरकार की ठोस इच्छाशक्ति और जनभागीदारी के मॉडल को दर्शाता है। डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल के मार्गदर्शन और सीडीओ अभिषेक कुमार के नेतृत्व में यह अभियान न केवल जल संरक्षण का प्रतीक बना, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था और महिला सशक्तिकरण को भी नई दिशा दी है।

जल सशक्तीकरण का चमकता सितारा बना लखीमपुर खीरी

बुधवार को विकास भवन के विवेकानंद सभागार में आयोजित भव्य सम्मान समारोह में इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के निर्णायक प्रमिल द्विवेदी ने इस उपलब्धि को मान्यता दी। उन्होंने डीएम और सीडीओ को प्रमाणपत्र और मेडल प्रदान कर जिले को जल सशक्तीकरण का चमकता सितारा बताया। इस अभियान ने 700 एकड़ से अधिक भूमि को जल संरक्षण योग्य बनाया और हर ब्लॉक में 70-80 तालाबों का निर्माण सुनिश्चित किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए निर्णायक प्रमिल द्विवेदी ने इसे सामूहिक प्रयास, प्रशासनिक समर्पण और जनभागीदारी का आदर्श उदाहरण बताया। इस ऐतिहासिक रिकॉर्ड के जरिए लखीमपुर खीरी ने यह सिद्ध कर दिया है कि ठोस इच्छाशक्ति और समर्पित प्रयासों से ग्रामीण विकास की नई ऊंचाइयों को छुआ जा सकता है। ‘हर गांव तालाब’ अभियान अब सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि जल सुरक्षा की दिशा में एक जनांदोलन बन चुका है।

ग्रामीण समुदाय को सशक्त करने का भी आधार बना अभियान

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हमेशा जल संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता दी है। उनके नेतृत्व में शुरू किए गए इस अभियान ने न केवल जल संकट से निपटने का रास्ता दिखाया, बल्कि ग्रामीण समुदाय को सशक्त करने का भी आधार तैयार किया। डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल ने कहा कि जिला प्रशासन के लिए यह केवल एक रिकॉर्ड नहीं, बल्कि जल संरक्षण की दिशा में एक जनभागीदारी से उपजी ऐतिहासिक उपलब्धि है। हमने एक महीने में 1000 से अधिक तालाबों की खुदाई का लक्ष्य पूरा किया और वह भी इस संकल्प के साथ कि पहली बारिश से पहले हर तालाब तैयार हो जाए। इस अभियान की कमान सीडीओ अभिषेक कुमार ने पूरी निष्ठा और नेतृत्व के साथ संभाली, और हमारी समर्पित टीम ने इसे मिशन मोड में बदल दिया। प्रत्येक ब्लॉक में लगभग 70 से 80 तालाब खोदे गए और करीब 700 एकड़ भूमि को जल संरक्षण योग्य क्षेत्र में तब्दील कर दिया गया। यह किसी क्रांति से कम नहीं।

उन्होंने कहा कि इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने हमारे प्रयास को मान्यता दी, और एक समारोह में हमें यह रिकॉर्ड प्रमाणपत्र और मेडल प्रदान किया। आज उनकी टीम ने न सिर्फ निरीक्षण किया, बल्कि हमें ‘एक महीने में सर्वाधिक तालाब निर्माण’ के राष्ट्रीय रिकॉर्ड से सुशोभित किया। इस कार्यक्रम में डीसी मनरेगा सुशांत सिंह, डीपीआरओ विशाल सिंह, सभी खंड विकास अधिकारी और इंडिया बुक का रिकॉर्ड की पूरी टीम मौजूद रही।

रोजगार भी, महिला भागीदारी भी, ‘हर गांव तालाब’ बना ग्रामीण अर्थव्यवस्था का संबल

हर गांव तालाब’ अभियान केवल जल संरक्षण की पहल नहीं रहा, बल्कि इसने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति देने का भी काम किया। अभियान के दौरान करीब 7 लाख मानव दिवसों का सृजन हुआ, जिससे उन किसानों और श्रमिकों को रोज़गार मिला, जो कृषि कार्यों के ठहराव के कारण खाली थे। अभियान की एक विशेष उपलब्धि रही 30 प्रतिशत से अधिक महिलाओं की सक्रिय भागीदारी, जिसने इसे सिर्फ विकास परियोजना नहीं, बल्कि महिला सशक्तीकरण और सामाजिक समावेशन की मिसाल भी बना दिया।

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