नई दिल्ली : फ्रांसीसी कंपनी डसॉल्ट एविएशन अब वैश्विक बाजार के लिए भारत में फाल्कन-2000 बिजनेस जेट बनाएगी। इसके लिए आज पेरिस एयर शो में कंपनी ने रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड की सहायक कंपनी रिलायंस एयरोस्ट्रक्चर लिमिटेड (आरएएल) के साथ एक समझौता किया है। इस समझौते के बाद भारत संयुक्त राज्य अमेरिका, फ्रांस, कनाडा और ब्राजील के बाद अगली पीढ़ी के बिजनेस जेट बनाने वाले देशों के कुलीन क्लब में शामिल हो गया है।
यह पहली बार है कि जब डसॉल्ट एविएशन फ्रांस के बाहर फाल्कन-2000 जेट का निर्माण करेगा, जिससे भारत रणनीतिक वैश्विक विमानन केंद्र के रूप में स्थापित होगा। बिजनेस एग्जीक्यूटिव जेट्स के लिए पहली असेंबली लाइन डसॉल्ट रिलायंस एयरोस्पेस लिमिटेड (डीआरएएल) महाराष्ट्र के नागपुर में स्थापित की जाएगी। यहां जेट का पूर्ण ढांचा और विंग असेंबली संचालन के हस्तांतरण के साथ-साथ प्रमुख सुविधा उन्नयन होगा, जहां से 2028 तक फाल्कन 2000 की पहली उड़ान का मार्ग प्रशस्त होगा।
डसॉल्ट एविएशन के अध्यक्ष और सीईओ एरिक ट्रैपियर ने कहा कि यह नया समझौता भारत की ‘मेक इन इंडिया’ प्रतिबद्धताओं को पूरा करने और वैश्विक एयरोस्पेस आपूर्ति शृंखला में भारत को एक प्रमुख भागीदार के रूप में मान्यता दिलाएगा। यह साझेदारी भारत की एयरोस्पेस विनिर्माण क्षमताओं को आगे बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण कदम है, जबकि रणनीतिक रूप से वैश्विक विमानन आपूर्ति शृंखला में एकीकृत है। डसॉल्ट एविएशन फाल्कन 8X और फाल्कन 6X के फ्रंट सेक्शन की असेंबली के अलावा फाल्कन-2000 के पंखों और पूरे धड़ की असेंबली भी डीआरएएल को सौंपेगा।
रिलायंस समूह के संस्थापक अध्यक्ष अनिल डी. अंबानी ने कहा कि यह समझौता ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘विश्व के लिए भारत में निर्माण’ के दृष्टिकोण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। भारत में फाल्कन बिजनेस जेट के निर्माण के लिए डसॉल्ट एविएशन के साथ हमारी साझेदारी देश, विमानन उद्योग और रिलायंस समूह के लिए एक निर्णायक क्षण है। इससे भारत को वैश्विक एयरोस्पेस मूल्य शृंखला में एक प्रमुख शक्ति के रूप में स्थापित करने में मदद मिलेगी। इस ऐतिहासिक पहल से भारत हाई-एंड बिजनेस जेट निर्माण के लिए एक रणनीतिक केंद्र के रूप में उभरेगा। नई फाइनल असेंबली लाइन भारत और अन्य अंतरराष्ट्रीय बाजारों में बढ़ती मांग को पूरा करेगी।
डसॉल्ट एविएशन और रिलायंस एयरोस्ट्रक्चर के बीच संयुक्त उद्यम डीआरएएल की स्थापना 2017 में हुई थी। उसी के बाद नागपुर के मिहान में एक अत्याधुनिक विनिर्माण सुविधा की स्थापना के साथ परिचालन शुरू हुआ। 2019 में अपना पहला फाल्कन-2000 फ्रंट सेक्शन देने के बाद से डीआरएएल ने फाल्कन-2000 के लिए 100 से अधिक प्रमुख उप-खंडों को इकट्ठा किया है। डीआरएएल को अपने विस्तारित परिचालन का समर्थन करने के लिए अगले दशक में कई सौ इंजीनियरों और तकनीशियनों की भर्ती करने की उम्मीद है।—–