बैंकॉक : थाईलैंड की संवैधानिक अदालत ने प्रधानमंत्री पेतोंगतार्न शिनावात्रा को मंगलवार को उनके पद से अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है। यह फैसला एक लीक हुई टेलीफोन कॉल को लेकर की जा रही नैतिक जांच के चलते लिया गया है, जिसमें उन्हें एक वरिष्ठ कंबोडियाई नेता के प्रति जरूरत से ज्यादा नम्र बताया गया है।
यह फोन कॉल मई महीने में थाई-कंबोडिया सीमा पर हुई एक सशस्त्र झड़प के बाद की गई थी, जिसमें एक कंबोडियाई सैनिक की मौत हो गई थी। पेतोंगतार्न ने इस विवाद को शांत करने के प्रयास में कंबोडियाई सीनेट अध्यक्ष हुन सेन से बातचीत की थी, लेकिन कॉल लीक होने के बाद उन पर “राष्ट्रीय गरिमा से समझौता” करने के आरोप लगे। इस पर विरोध प्रदर्शन और आलोचना तेज हो गई थी।
प्रधानमंत्री पेतोंगतार्न का निलंबन थाईलैंड की राजनीति में एक बार फिर अस्थिरता की आशंका पैदा कर रहा है। थाईलैंड पहले भी कई बार सैन्य तख्तापलट और न्यायिक हस्तक्षेप झेल चुका है। खास बात यह है कि पेतोंगतार्न अपने परिवार की तीसरी सदस्य हैं जो प्रधानमंत्री बनीं और तीसरी ही जिनके कार्यकाल में संकट उत्पन्न हुआ। उनके पिता थाक्सिन शिनावात्रा 2006 में तख्तापलट में हटाए गए थे और निर्वासन में चले गए, जबकि उनकी चाची यिंगलक शिनावात्रा को 2014 में अदालत ने पद से हटा दिया था, जिसके बाद सेना ने सत्ता संभाली थी।