चंडीगढ़ : शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष एवं पंजाब के पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर बादल को तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब ने तनखैया घोषित किया है। तख्त से पंज प्यारों ने यह आदेश शनिवार को जारी किया। पटना साहिब से सुनाए गए इस फैसले का सीधा असर पंजाब की राजनीति पर हुआ है। सुखबीर बादल विरोधियों ने उन्हें फिर से घेरना शुरू कर दिया है। आदेश में कहा गया है कि सुखबीर बादल को 2 बार अपना स्पष्टीकरण देने के लिए तलब किया गया था, लेकिन वह वहां नहीं पहुंचे। इसके बाद ये फैसला लिया गया।
तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब के फैसले के मुताबिक सुखबीर बादल ने सिद्धांतों, मर्यादाओं और पंज प्यारों के आदेशों का उल्लंघन किया। तख्त की प्रबंधक समिति के अधिकारों में दखल दिया है। 9 और 10 मई, 2023 को समिति की बैठकों में लिए गए निर्णयों को खुली चुनौती दी। पंज प्यारे सिंह साहिबों की जांच में स्पष्ट हुआ है कि इस साजिश में सुखबीर बादल की भी अहम भूमिका रही।
पंज प्यारों ने 21 मई और 1 जून को सुखबीर बादल को अपना पक्ष रखने के लिए मौके दिए, लेकिन दोनों ही दिन वे तख्त के समक्ष पेश नहीं हुए। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी के विशेष अनुरोध पर उन्हें 20 दिन का अतिरिक्त समय दिया गया, लेकिन तीसरे मौके पर भी तख्त के समक्ष उन्होंने अपना पक्ष नहीं रखा। इसके चलते शनिवार को उन्हें तनखैया करार दिया गया है।
इससे पहले दिसंबर, 2024 में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को 9 साल पहले माफी देने समेत बेअदबी पर कार्रवाई न करने को लेकर श्री अकाल तख्त साहिब ने सुखबीर बादल को तनखैया घोषित किया था।
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