नई दिल्ली : केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल ने गुरुवार को बड़े-बड़े शहरों में जमा ‘लीगेसी वेस्ट’ को निस्तारित करने के लिए अगले एक साल के लिए स्पेशल ‘एक्सलरेटेड डंप साइट रिमेडिएश प्रोग्राम’ शुरू करने की घोषणा की।
दिल्ली के विज्ञान भवन में 9वें स्वच्छ सर्वेक्षण कार्यक्रम में उन्होंने बताया कि यह लीगेसी वेस्ट हटाने का कार्यक्रम इसी साल स्वतंत्रता दिवस से शुरू होगा। इसके माध्यम से कचरा निस्तारण की प्रक्रिया को तेज करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके साथ ही, सरकार सॉलिड वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट्स स्थापित करने के लिए नगर निकायों को प्रोत्साहन भी देगी।
केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने बताया कि इस समय देश के 80 प्रतिशत ठोस कचरे का प्रसंस्करण हो रहा है और 98 प्रतिशत घरों तक डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण की सुविधा उपलब्ध हो चुकी है। आज भारत में कई शहर 5 और 7 स्टार गार्बेज फ्री सिटी रेटिंग प्राप्त कर चुके हैं। हाल के वर्षों में निर्माण और विध्वंस कचरे को सीमेंट की ईंटों, उपयोग किए गए पानी को सीवेज ट्रीटमेंट के बाद कृषि और उद्योगों में, और सामान्य कचरे को कंपोस्ट खाद तथा बायोगैस उत्पादन में बदला जा रहा है। भारत अब लीनियर इकोनॉमी से आगे बढ़कर सर्कुलर इकोनॉमी की ओर तेजी से अग्रसर है, जहां वेस्ट को बेस्ट में बदला जा रहा है।
उन्होंने कहा कि इस नए डंप साइट रिमेडिएशन प्रोग्राम से न केवल लीगेसी वेस्ट का निस्तारण होगा बल्कि भारत को जीरो डंपसाइट्स के लक्ष्य की ओर भी ले जाया जाएगा। उन्होंने कहा कि “हम जानते हैं कि जितने बड़े शहर हैं, वहां लीगेसी वेस्ट खत्म करना बहुत बड़ी चुनौती है। ऐसे में हमारा फोकस उन शहरों में वेस्ट प्रोसेसिंग को तेज़ करना है।”
उन्होंने बताया कि इसके लिए जो विशेष कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है, वह स्वतंत्रता दिवस 2025 से अगले एक साल तक चलेगा और शहरों को ठोस कचरा प्रबंधन योजनाओं के लिए आर्थिक प्रोत्साहन भी दिया जाएगा। अपने भाषण में केंद्रीय मंत्री ने स्वच्छ भारत मिशन की यात्रा को याद करते हुए कहा कि यह मिशन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस संकल्प का परिणाम है, जो उन्होंने 2014 में लाल किले से पहली बार स्वच्छता को राष्ट्रीय एजेंडा बनाया था।
उन्होंने कहा कि जो काम आज़ादी के 70 सालों में नहीं हुआ, वह प्रधानमंत्री मोदी ने करके दिखाया है। आज देश में स्वच्छता सिर्फ एक सरकारी कार्यक्रम नहीं बल्कि जन आंदोलन बन चुका है। साल 2019 तक देश को ओडीएफ (खुले में शौच मुक्त) घोषित कर दिया गया था और अब कई नगर निकाय ओडीएफ प्लस, ओडीएफ प्लस प्लस का दर्जा भी प्राप्त कर चुके हैं।
उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन शहरी के अंतर्गत महिलाओं की गरिमा को संरक्षित रखने में बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। यह मिशन केवल शौचालय निर्माण या कचरा प्रबंधन नहीं, बल्कि सामाजिक चेतना और जीवनशैली में बदलाव का प्रतीक बन चुका है। उन्होंने कहा, “स्वच्छता एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है, इसमें रुकना या थकना नहीं है।” इस उद्देश्य को लेकर ही स्वच्छ भारत मिशन 2.0 की शुरुआत 1 अक्टूबर 2021 से की गई, जिसका लक्ष्य है कचरा मुक्त शहर। साल 2014 में इस मिशन की शुरूआत के महज 5 साल के भीतर साल 2019 में ही ओडीएफ का स्तर प्राप्त कर लिया गया था। देश को ओडीएफ घोषित होना राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को समर्पित है।
उन्होंने कहा कि इसलिए स्वच्छ भारत मिशन 2.0 को 1 अक्तूबर 2021 से कचरा मुक्त शहर के लक्ष्य के साथ शुरू किया गया। इसके तहत देशभर में 80 फीसदी ठोस कचरे का प्रसंस्करण हो रहा है। घर-घर जाकर कचरा संग्रहण का कवरेज 98 फीसदी तक पहुंच गया है। आज हमारे शहर पांच और सात सितारा गार्बेज फ्री सिटी की रेटिंग प्राप्त कर चुके हैं। आज हमारे शहरों में कचरे के निस्तारण के साथ-साथ उसे रिसाइकिल भी किया जा रहा है। आज कचरे का प्रयोग कंपोस्ट खाद बायो गैस प्रणाली में किया जा रहा है। उपयोग किए गए पानी को सीवेज ट्रीटमेंट के बाद कृषि और उद्योंगों में फिर से इस्तेमाल किया जा रहा है। हमारे लिए जो वेस्ट है वो भी बेस्ट है। आज हम इसी मंत्र को लेकर चल रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जयपुर डिक्लेरेशन भारत के लिए सतत विकास की दिशा में एक नया कदम है, जिसमें अपशिष्ट प्रबंधन को सर्कुलर इकोनॉमी से जोड़ा गया है। इसमें राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और शहरों को उनकी स्वच्छता उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया जाएगा। स्वच्छ सर्वेक्षण अब दुनिया का सबसे बड़ा शहरी रैंकिंग कार्यक्रम बन चुका है। 2016 में 73 शहरों से शुरू हुआ सर्वेक्षण आज 4500 से अधिक शहरों तक पहुंच गया है और इसमें 1.5 करोड़ से अधिक लोगों की प्रतिक्रियाएं और 14 करोड़ से अधिक सहभागिता दर्ज की गई हैं।
इसके अलावा केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने सुपर स्वच्छ शहरों की नई पहल की भी जानकारी दी, जिसके अंतर्गत 23 शहरों को सुपर स्वच्छ लीग में शामिल किया गया है। वे शहर जो लगातार तीन वर्षों में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर चुके हैं। इस बार कुल 74 अवॉर्ड्स दिए गए, जो 75 शहरों को प्रदान किए गए हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य में प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले शहरों को सुपर स्वच्छ लीग में जोड़ा जाएगा, जिनकी अपनी अलग प्रतियोगिता होगी।