राहुल गांधी को मिला इंडिया ब्लॉक का साथ, तो भाजपा ने इतिहास याद दिला मांगा जवाब

नई दिल्ली : कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने गुरुवार को मतदाता सूची में तथाकथित गड़बड़ी की बात कह निर्वाचन आयोग पर कई आरोप लगाए। इस मुद्दे पर गठबंधन के सहयोगी राहुल के साथ खड़े हैं, तो वहीं भाजपा ने नीयत पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

राज्यसभा सांसद महुआ माजी ने राहुल गांधी के आरोपों का समर्थन करते हुए कहा कि उन्होंने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन के जरिए तथ्यों के साथ मतदाता सूची में गड़बड़ियों को उजागर किया। ये तथ्य पूरी तरह पारदर्शी हैं और कोई भी इन्हें जांच सकता है। चुनाव आयोग मतदाता सूची को ऑनलाइन क्यों नहीं करता ताकि लोग आसानी से देख सकें कि एक व्यक्ति के कितने वोटर आईडी हैं? प्रिंटेड सूचियां आम लोगों के लिए जांचना मुश्किल है। विभिन्न दलों के नेताओं ने इस मुद्दे पर चिंता जताई।

उन्होंने केंद्र सरकार से पूछा कि अगर वह चुनाव आयोग को निष्पक्ष मानती है, तो इस मामले में हस्तक्षेप क्यों नहीं करती? अगर राहुल गांधी के दावे गलत हैं, तो सरकार को तथ्यों के साथ इसे साबित करना चाहिए।

कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने कहा कि उनकी पार्टी ने संसद में इस मुद्दे पर चर्चा के लिए सामान्य प्रस्ताव दिया, लेकिन उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया जा रहा। राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में 2024 के लोकसभा चुनाव में एक विधानसभा क्षेत्र में एक लाख फर्जी वोट बनाकर जीत हासिल करने का आरोप लगाया।

उन्होंने मांग की कि वोट चोरी के इस मामले की जांच हो। उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके चुने हुए लोग चुनाव आयोग को चला रहे हैं, जिससे आयोग की निष्पक्षता खत्म हो चुकी है।

राज्यसभा सांसद संजय यादव ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां वीडियो रिकॉर्डिंग में धांधली सामने आई, फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने पूछा कि अगर आयोग की मंशा साफ है, तो वह 65 लाख मतदाताओं के नाम काटने की वजह क्यों नहीं बताता। आयोग प्रत्येक हटाए गए मतदाता का एपिक नंबर, नाम और हटाने का कारण स्पष्ट करे, जैसे कि व्यक्ति मृत है या दूसरी जगह शिफ्ट हुआ।

उन्होंने कहा कि आयोग उनके सटीक सवालों का जवाब देने के बजाय प्रक्रिया को जटिल बना रहा है, जो उनकी गलत मंशा को दर्शाता है। अगर डुप्लीकेट वोटर हैं, तो आयोग को बताना चाहिए कि इन्हें किसने बनाया।

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि 1980 में इंदिरा गांधी के समय 500 से अधिक स्थानों पर बूथ कैप्चरिंग और वोट चोरी हुई थी।

उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वह उसी तरह का माहौल वापस लाना चाहता है, जिससे अनुसूचित जाति, जनजाति, ओबीसी और महिलाओं के वोटिंग अधिकारों का हनन हो। विपक्ष के सलाहकार उन्हें गलत दिशा में ले जा रहे हैं।

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