पटना : बिहार में मतदाता सूची का विशेष गहन (एसआईआर) पुनरीक्षण लेकर पटना से दिल्ली तक की राजनीति में घमासान मचा है। इस बीच, बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने इस पर सवाल उठाते हुए कहा कि चुनाव आयोग भाजपा की बी टीम की तरह काम कर रही है।
मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा, एनडीए के जितने भी बड़े-बड़े नेता हैं, चाहे सांसद हों, विधायक हों, मेयर हों या उप मुख्यमंत्री हों, सबके दो-दो इपिक नंबर मिल रहे हैं। ये सभी अलग-अलग लोकसभा और विधानसभा क्षेत्रों में इपिक कार्ड बना रखे हैं। समझा जा सकता है कि एसआईआर में कितना बड़ा फर्जीवाड़ा बिहार में हो रहा है।
उन्होंने कहा कि जब माननीय लोगों की यह स्थिति है तो ऐसे कितने उदाहरण होंगे जिनके नाम काटे गए। जीवित को मृत और मृत को जीवित बता दिया गया। यही कारण है कि चुनाव आयोग पूरे डाटा को छिपाने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय में मामला है, उम्मीद है कि हम लोगों को न्याय मिलेगा।
राजद नेता तेजस्वी यादव ने आगे कहा कि भाजपा की मिलीभगत से यह काम किया जा रहा है। इससे पहले बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने जदयू के वरिष्ठ नेता और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी माने जाने वाले विधान पार्षद (एमएलसी) दिनेश सिंह और उनकी पत्नी, वैशाली से सांसद वीणा देवी के पास भी दो अलग-अलग वोट और एपिक आईडी का आरोप लगाया था। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या यह चुनाव आयोग द्वारा एनडीए को फायदा पहुंचाने के लिए की गई चुनावी धांधली नहीं है?
नेता प्रतिपक्ष ने चुनाव आयोग से मांग की कि वह एसआईआर में की जा रही गड़बड़ियों और गलतियों को स्वीकार करे। इसके साथ ही उन्होंने आयोग से मांग की है कि वह दिनेश सिंह के खिलाफ दोनों स्थानों से अलग-अलग नोटिस जारी करे। इसके बाद मुजफ्फरपुर निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी ने जदयू के विधान पार्षद दिनेश प्रसाद सिंह और लोजपा (रामविलास) की सांसद वीणा देवी को नोटिस भेजा है। नोटिस में 16 अगस्त तक जवाब देने का निर्देश दिया गया है।