नंद के घर ‘आनंद’ बन आए कान्हा, कृष्ण मंदिरों में उमड़ा आस्था का जनसैलाब

नई दिल्ली : भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के साथ देशभर में मंदिरों, घरों और सार्वजनिक स्थानों पर उत्साह और भक्ति का माहौल देखने को मिल रहा है। जहां भगवान कृष्ण के प्राकट्योत्सव की खुशी में भक्त झूमते हुए नजर आ रहे हैं, वहीं तमाम घरों में मंगल गीत गाए जा रहे हैं।

मथुरा, वृंदावन, द्वारका और उज्जैन जैसे प्रमुख तीर्थस्थलों से लेकर छोटे-छोटे गांवों तक, भक्त श्रीकृष्ण की भक्ति में डूबे हुए हैं। मंदिरों में भगवान के दर्शन के लिए भक्तों की लंबी कतारें लगी हैं।

मथुरा, वृंदावन, द्वारका और अन्य प्रमुख तीर्थस्थलों पर लाखों श्रद्धालु भगवान के दर्शन के लिए उमड़ पड़े हैं और कृष्ण कन्हैया की जय-जयकार कर रहे हैं।

मथुरा और वृंदावन, जहां भगवान श्रीकृष्ण का जन्म और बाल्यकाल बीता, वहां का नजारा विशेष रूप से मनमोहक नजर आ रहा है। श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर को फूलों, रोशनी और रंगोली से सजाया गया। मध्यरात्रि में भगवान के जन्म के समय मंदिरों में घंटियों की गूंज और भक्ति भजनों ने वातावरण को और भी भक्तिमय बना दिया है।

गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने अहमदाबाद के एसजी हाईवे पर स्थित इस्कॉन मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना की। उन्होंने भगवान को दूध, दही और माखन का भोग लगाया और प्रदेश की सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना की। मंदिर में भक्तों ने भक्ति भजनों और नृत्य के साथ उत्सव में हिस्सा लिया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व हमें भक्ति, प्रेम और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। भगवान श्रीकृष्ण के जीवन से हमें कर्तव्य और नैतिकता का पाठ सीखने को मिलता है।

दिल्ली के ईस्ट ऑफ कैलाश में स्थित इस्कॉन मंदिर में भी जन्माष्टमी का उत्सव धूमधाम से मनाया गया। मंदिर के कपाट खुलते ही श्रद्धालुओं की भीड़ भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी की एक झलक पाने के लिए उमड़ पड़ी। मंदिर को फूलों और रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया गया था, जिसने उत्सव का माहौल और भव्य बना दिया।

पटना के इस्कॉन मंदिर में भी जन्माष्टमी का उत्सव जोर-शोर से मनाया गया। मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप की विशेष पूजा की गई। भक्तों ने माखन-मिश्री का भोग लगाया और भजन-कीर्तन में डूबकर उत्सव का आनंद लिया। मंदिर प्रशासन ने बताया कि हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचे, और रात में होने वाली विशेष आरती के लिए उत्साह और बढ़ गया।

गुजरात के द्वारका में श्री द्वारकाधीश मंदिर में भी जन्माष्टमी का विशेष आयोजन हुआ। मंदिर को फूलों और दीयों से सजाया गया। भक्तों ने भगवान द्वारकाधीश के दर्शन किए। द्वारका में जन्माष्टमी का उत्सव विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि यह स्थान भगवान श्रीकृष्ण की कर्मभूमि से जुड़ा है।

पश्चिम बंगाल के कोलकाता में इस्कॉन मंदिर में भी जन्माष्टमी की धूम रही। मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी की विशेष पूजा-अर्चना की गई।

देश के अन्य हिस्सों में भी जन्माष्टमी की धूम देखने को मिल रही है। दिल्ली के इस्कॉन मंदिर, मुंबई के सिद्धि विनायक मंदिर और कोलकाता के अलग-अलग मंदिरों में भजन-कीर्तन और भक्ति कार्यक्रम हो रहे हैं।

भक्तों ने भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप की झांकियां सजाई हैं और रासलीला का आयोजन किया है। साथ ही भक्तों ने भगवान को माखन, मिश्री और पंजीरी का भोग लगाया है।

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